ओयू में आदिवासी छात्रों हेतु आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ

संचार कौशल व्यक्तिगत व व्यावसायिक सफलता का सार : राज्यपाल

हैदराबाद, उस्मानिया विश्वविद्यालय में आज से तेलंगाना के स्नातक आदिवासी छात्रों के लिए अंग्रेजी भाषा और संचार कौशल पर आधारित आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ हुआ। उद्घाटन समारोह में तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा मुख्य अतिथि थे। अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुमार मोलुगरम, राज्यपाल के संयुक्त सचिव जे. भवानी शंकर, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज के प्रिंसिपल प्रो. सी. कासिम व अन्य उपस्थित थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आदिवासी छात्रों के लिए अंग्रेजी भाषा और संचार कौशल प्रदान वाला यह एक माह की अवधि वाला आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम तेलंगाना के राज्यपाल द्वारा प्रायोजित तथा उस्मानिया विश्वविद्यालय के अंग्रेजी भाषा शिक्षण केंद्र (ईएलटीसी) के तत्वावधान में आयोजित किया गया है। इसका उद्देश्य भाषा के माध्यम से आदिवासी छात्रों को सशक्त बनाना तथा भाषाई प्रवीणता की खाई को पाटना है, ताकि वे शिक्षाविदों और भविष्य के व्यावसायिक कार्यों में उत्वफढष्टता प्राप्त कर सकें। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में तेलंगाना के 33 जिलों से 66 छात्र भाग ले रहे हैं।

राज्यपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हाशिए के समुदायों के उत्थान में शिक्षा और प्रभावी संचार की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया। शिक्षा का अर्थ सशक्तिकरण है। शिक्षा ही एकमात्र ऐसी चीज है, जो विभिन्न प्रकार की बाधाओं को तोड़ने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि विकासशील भारत का विजन शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को समावेशी बनाना है। शैक्षिक समानता के लिए सहयोगात्मक प्रयास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण एक परिवर्तनकारी यात्रा है, जो बड़े सपने देखने और अधिक से अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में प्रभावी ढंग से संवाद करने की क्षमता असीम अवसरों का प्रवेश द्वार है। अंग्रेजी सार्वभौमिक अभिव्यक्ति की भाषा है। संचार कौशल व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता का सार है। प्रभावी संचार आत्मविश्वास के साथ-साथ टीम वर्क को भी बढ़ाता है। छात्रों के लिए यह कार्यक्रम अंग्रेजी दक्षता में सुधार करने और मजबूत संचार कौशल विकसित करने का अनूठा अवसर है। राज्यपाल ने कहा कि उम्मीद है कि यह कार्यक्रम एक मॉडल बनेगा। उन्हेंने कॉलेजिएट शिक्षा आयुक्त और उच्च शिक्षा विभाग से इस पाठ्यक्रम के वीडियो पाठों को साझा करके तेलंगाना के सरकारी डिग्री कॉलेजों के छात्रों तक पहुंचाने की बात भी कही।

प्रो. कुमार मोलुगरम ने अवसर पर समावेशी शिक्षा तथा समाज के वंचित वर्गों के लिए अवसरों को बढ़ावा देने हेतु विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह पहल आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाते हुए उनको समाज में सार्थक योगदान हेतु सक्षम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।अवसर पर कार्यक्रम की संयोजक तथा ईएलटीसी की निदेशक प्रो. बी. विजया ने लिखित और मौखिक संचार कौशल को बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए इस पाठ्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कक्षा शिक्षण, इंटरैक्टिव गतिविधियों और संचार परिदृश्यों के व्यावहारिक प्रदर्शन आदि का मिश्रण है।

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