बाढ़ समस्या के स्थायी समाधान और मुआवजा योजना के निर्देश रेवंत रेड्डी ने दिए

हैदराबाद, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को चक्रवात और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए योजनाएँ तैयार करने के आदेश दिये। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण समस्याएँ बढ़ रही हैं। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को इस बात को ध्यान में रखकर समन्वय से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि नालों पर अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए हजारों लोगों के नुकसान को नजरअंदाज करने का कोई मतलब नहीं है।

अधिकारियों को इस पर स्पष्ट निर्णय लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर बाढ़ में जान गई है, वहां प्रभावित परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने टिप्पणी की कि मौसम में असाधारण बदलावों के कारण बादल फटना आम बात हो गई है और इससे निपटने हेतु स्थायी समाधान ढूंढने की आवश्यकता है।
रेवंत रेड्डी का वरंगल-हनमकोंडा का निरीक्षण दौरा
रेवंत रेड्डी ने वरंगल और हनमकोंडा जिलों के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। हैदराबाद से हनमकोंडा पहुँचने के बाद उन्होंने सम्मय्या नगर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने सम्मय्या नगर में घरों और क्षतिग्रस्त सड़कों का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय लोगों से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कापुवाड़ा और पोतना नगर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया और अधिकारियों को कई सुझाव दिए।

मुख्यमंत्री के साथ मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पोन्नम प्रभाकर, कोंडा सुरेखा, सांसद, विधायक, विधान पार्षद और अन्य नेता मौजूद थे। बाद में वे हनमकोंडा जिलाधीश कार्यालय पहुँचे और वहाँ चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों से संबंधित फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन किया। तत्पश्चात उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यक्रमों की समीक्षा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को क्षेत्रस्तर पर जाकर नुकसान का पूर्ण आकलन करने का आदेश दिया गया। उन्होंने सभी विभागों को जान-माल के नुकसान, फसल व पशुधन हानि और बुनियादी ढाँचे को पुहंचे नुकसान की रिपोर्ट देने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इसके लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हुए नुकसान के संबंध में कलेक्टरों को रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया।

यह भी पढ़ें… पोन्नम प्रभाकर और उत्तम ने चुनाव प्रचार के दौरान बनाए दोसे
बाढ़ प्रभावितों को मुआवजा और पुनर्वास के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लापरवाही बंद करके जमीनी स्तर पर जाने को कहा और स्पष्ट किया कि कलेक्टरों को भी क्षेत्र का दौरा करना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान चक्रवात के प्रभाव से 12 जिलों में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि केंद्र सरकार से मिलने वाली धनराशि प्राप्त करने में कोई ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से मिलने वाली धनराशि प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

सीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छता प्रक्रिया में तेजी लाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ में जानमाल के नुकसान की स्थिति में 5 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए तैयार है। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत जानकारी एकत्र करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की फसल और पशुधन नष्ट हुए है, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि जिन किसानों के खेतों में रेत जमा है, उनकी मदद की जाएगी।
सीएम ने अधिकारियों को प्रभावित प्रत्येक घर को 15-15 हजार रुपये देने की योजना तैयार करने आदेश दिया। उन्होंने कहा कि घर खोने वाले परिवारों की पहचान कर उन्हें इंदिरम्मा आवास प्रदान करने के मुद्दे पर विचार किया जाना चाहिए। बैठक के दौरान उन्होंने यह भी आदेश दिया कि वरंगल स्मार्ट सिटी योजना में लंबित कार्यों पर एक विशेष रिपोर्ट तैयार की जाए।
अब आपके लिए डेली हिंदी मिलाप द्वारा हर दिन ताज़ा समाचार और सूचनाओं की जानकारी के लिए हमारे सोशल मीडिया हैंडल की सेवाएं प्रस्तुत हैं। हमें फॉलो करने के लिए लिए Facebook , Instagram और Twitter पर क्लिक करें।




