रेवंत ने सुप्रीम कोर्ट से माँगी माफी

हैदराबाद, कभी-कभी संवैधानिक पदों पर रहते हुए कुछ राजनीतिक बयान बड़े नेताओं को भी महंगे पड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को अपने उस बयान पर सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगनी पड़ी, जिसमें उन्होंने बीआरएस नेता के. कविता को ज़मानत मिलने पर टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा रेवंत रेड्डी के बयान पर कड़ी नाराज़गी जताने पर उनका यह बयान सामने आया है।

सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में सीएम रेड्डी ने कहा कि मुझे भारतीय न्यायपालिका में सर्वोच्च सम्मान और पूर्ण विश्वास है। मैं समझता हूं कि 29 अगस्त, 2024 की कुछ प्रेस रिपोर्टों में मेरे हवाले से टिप्पणियां हैं, जिससे यह आभास हुआ है कि मैं माननीय न्यायालय के न्यायिक विवेक पर सवाल उठा रहा हूं। मैं दोहराता हूं कि न्यायिक प्रक्रिया में मेरा दृढ़ विश्वास है। मैं प्रेस रिपोर्टों में परिलक्षित बयानों के लिए बिना शर्त खेद व्यक्त करता हूँ। ऐसी रिपोर्टों में मेरे हवाले से की गई टिप्पणियों को संदर्भ से बाहर ले जाया गया है। मेरे मन में न्यायपालिका और उसकी स्वतंत्रता के लिए बिना शर्त और सर्वोच्च सम्मान है। भारत के संविधान और उसके लोकाचार में दृढ़ विश्वास रखने के नाते मैं न्यायपालिका का सर्वोच्च सम्मान करता हूं और करता रहूंगा।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रेवंत रेड्डी के उस बयान पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा था कि न्यायपालिका, विधायिका के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करती और यही सम्मान विधायिका के लिए भी लागू होता है। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के बयान की आलोचना की थी और टिप्पणी की थी कि एक संवैधानिक पदाधिकारी किस तरह बोल रहे हैं। पीठ ने कहा कि उसे किसी की आलोचना करने की चिंता नहीं है, लेकिन उसे विवेक के अनुरूप कर्तव्य निभाना चिहए। शीर्ष अदालत ने यह भी सवाल किया कि क्या वह किसी राजनीतिक दल के परामर्श से आदेश पारित करेगी। मुख्यमंत्री को उनके बयान के लिए चेतावनी देते हुए शीर्ष अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि अगर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के मन में देश की सर्वोच्च अदालत के लिए सम्मान नहीं है तो मुकदमे को राज्य के बाहर ले जाया जा सकता है।

अदालत की नाराज़गी के बाद अब रेवंत रेड्डी ने बिना शर्त माफी मांगी है। उल्लेखनीय है कि कविता को मिली ज़मानत के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने कई तरह के बयान जारी किये थे, उनमें रेवंत रेड्डी का बयान भी शामिल था।

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