रेवंत ने केंद्र से मांगा 1.63 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं में समर्थन
हैदराबाद, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय कोयला और खान मंत्री किशन रेड्डी से अपील की कि वे तेलंगाना में विभिन्न विकास कार्यों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार का समर्थन प्राप्त करने का प्रयास करें। उन्होंने आज नई दिल्ली में किशन रेड्डी से उनके आधिकारिक आवास पर भेंट कर क्षेत्रीय रिंग रोड (आरआरआर), हैदराबाद मेट्रो रेल दूसरे चरण, हैदराबाद तथा वरंगल में भूमिगत जल निकासी योजना, सिंगरेनी को कोयला खदानों का आवंटन सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस मौके पर रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री से 1,63,559.31 करोड़ की परियोजनाओं के लिए केंद्र से अपेक्षित सहयोग पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में ही आरआरआर का निर्माण करने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आरआरआर के उत्तरी हिस्से में भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया है। हालांकि त्रिपक्षीय समझौता पूरा होने के बावजूद एनएचएआई ने अब तक आवश्यक अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि अगर आरआरआर के साथ रेडियल सड़कें पूरी हो जाएंगी तो फार्मा उद्योगों के साथ-साथ औद्योगिक हब, लॉजिस्टिक पार्क और मनोरंजन पार्क भी विकसित होंगे। उन्होंने किशन रेड्डी से आरआरआर को दोनों हिस्सों को पूरा करने के संबंध में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में लंबित अनुमतियाँ मंजूर कराने हेतु पहल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस पूरी परियोजना की अनुमानित लागत 34,367.62 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि ओआरआर और आरआरआर को जोड़ने के लिए रेडियल सड़कों का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही जोड़ा कि 10 ग्रीनफील्ड सड़कों के साथ-साथ ओआरआर को जोड़ने वाले मेट्रो कॉरिडोर की रेडियल सड़कों का निर्माण पर 45 हजार करोड़ खर्च होंगे।
रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद मेट्रो रेल दूसरे चरण के हिस्से के रूप में नागोल से राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, रायदुर्गम से कोकापेट नियोपोलिस, एमजीबीएस से चंद्रायणगुट्टा, मियापुर – पटनचेरू, एलबी नगर-हयतनगर के बीच कुल 76.4 किमी मेट्रो रेल का निर्माण किया जाएगा। इस पर 24,269 करोड़ का खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी से केंद्र और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से 50:50 की हिस्सेदारी के साथ मेट्रो के दूसरे चरण को पूरा करने के लिए सहयोग करने का आग्रह किया।
इसके अलावा रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि मूसी रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना के तहत आने वाली गांधी सरोवर परियोजना के लिए 222.27 एकड़ रक्षा भूमि की जरूरत है। यह बात पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ध्यान में लायी गयी थी। उन्होंने किशन रेड्डी से उक्त भूमि के हस्तांतरण के लिए पहल करने का अनुरोध करते हुए बताया कि गांधी सरोवर, मूसी सीवरेज परियोजनाओं के निर्माण, 11 हेरिटेज पुलों के निर्माण और अन्य कार्यों के लिए 14,100 करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।