किडनी समस्या से प्रभावित एक वर्षीय बच्चे की रोबोटिक सर्जरी

हैदराबाद, प्रीति यूरोलॉजी एंड किडनी हॉस्पिटल में किडनी की जन्मजात समस्या से पीड़ित एक वर्षीय बच्चे की रोबोटिक सर्जरी की गयी। होटल ताज डेक्कन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जानकारी देते हुए बताया गया कि राजेंद्र नगर निवासी दंपत्ति का एक वर्षीय बच्चा जन्मजात द्विपक्षीय किडनी सूजन की समस्या से प्रभावित था। यह एक ऐसी स्थिति थी, जिसका समाधान न होने पर किडनी के कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते थे। इस समस्या को संज्ञान में लेते हुए प्रीति यूरोलॉजी एंड किडनी हॉस्पिटल, हैदराबाद के प्रबंध निदेशक, यूरोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन डॉ. वी. चंद्र मोहन ने भारतीय मूल के कार्डियक सर्जन डॉ. सुधीर श्रीवास्तव द्वारा आविष्वफढत उन्नत रोबोटिक तकनीक एसएसआई मंत्र रोबो सिस्टम का उपयोग कर एक ही समय में दोनों तरफ की किडनी की दुर्लभ सर्जरी की।

जानकारी देते हुए बताया गया कि आमतौर पर इस तरह की शल्यक्रिया ओपन सर्जरी या लैप्रोस्कोपी के माध्यम से की जाती है। हालाँकि मामले में डॉ. चंद्र मोहन ने एसएसआई मंत्र रोबोटिक सिस्टम का उपयोग कर रोबोटिक सर्जरी का विकल्प चुना। इस सर्जरी का अनूठा पहलू यह था कि दोनों किडनी पर क्रमिक रूप से शल्यक्रिया करने के लिए केवल चार कीहोल का उपयोग किया गया,जो अपने आप में उल्लेखनीय उपलब्धि है। इस पद्धति ने बार-बार एनेस्थीसिया के संपर्क में आने और कई बार अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता को कम कर दिया। शल्यक्रिया के 24 घंटे के भीतर बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह शल्य प्रक्रिया बाल चिकित्सा रोबोटिक सर्जरी में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती है।

डॉ. चंद्र मोहन ने कहा कि एक साल के बच्चे पर रोबोटिक सर्जरी करना चुनौतीपूर्ण है। यह उपलब्धि न केवल रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि उन्नत चिकित्सा देखभाल में भारत की बढ़ती क्षमताओं को उजागर करने वाली है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत में रोबोटिक तकनीक अधिक किफायती और सुलभ होती जा रही है, बाल चिकित्सा मूत्र विज्ञान में व्यापक बदलाव आने की उम्मीद है।

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