कहीं पर भी नियमों का उल्लंघननहीं किया गया : श्रीधर बाबू
हैदराबाद, विधायी मामलों के मंत्री श्रीधर बाबू ने स्पष्ट किया कि तेलंगाना विधान परिषद के मुख्य सचेतक समेत अन्य सभी नियुक्तियां संविधान के नियमों के अनुसार की गई हैं। उन्होंने कहा कि कहीं पर भी कोई उल्लंघन नहीं हुआ। पूर्व मंत्री हरीश राव को हर बात का राजनीतिकरण करना उचित नहीं है।
उन्होंने आज यहां कहा कि केसीआर के शासनकाल में जब हरीश राव विधायी मंत्री थे, तब क्या हुआ था, यह सभी जानते हैं। उन्होंने उस समय कांग्रेस पार्टी के 12 विधायकों को एक-एक कर बीआरएस में शामिल किये जाने की आलोचना करते हुए सवाल किया कि तब आपको संविधान याद क्यों नहीं आया। उन्होंने बताया कि सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही विधान परिषद व विधानसभा अध्यक्ष निर्णय लेते हैं। परंपरा के अनुसार ही पीएसी अध्यक्ष पद विपक्ष के सदस्य को दिया गया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अयोग्यता याचिकाओं का मामला फिलहाल न्यायालय में है। ज्ञातव्य है कि पूर्व मंत्री व बीआरएस विधायक हरीश राव ने सवाल उठाया था कि एमएलसी पट्नम महेंदर रेड्डी को विधान परिषद का मुख्य सचेतक कैसे नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा कि यह संविधान के उल्लंघन का उदाहरण है। उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि पीएसी अध्यक्ष की नियुक्त के दौरान भी ऐसे ही किया गया। इस संदर्भ में मंत्री श्रीधर बाबू ने प्रतिक्रिया देते हुए उपरोक्त बात कही।