गुमनाम नायक हैं साहबजादे, वीर बाल दिवस पर केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने किया बलिदान को याद

हैदराबाद, केंद्रीय कोयला, खान मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी ने सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह को दुनिया के इतिहास में गुमनाम नायक (अनसंग हीरो) बताया और आश्वासन दिया कि इनके त्याग व बलिदानों से भावी पीढी को अवगत कराने के लिए साहिबजादों के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल कराने के लिए किए गए आग्रह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवश्य ही अवगत कराएंगे।

प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम में सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविंदसिंह जी के साहबजादों बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतेह सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी एवं अन्य।

भाजपा मुख्यालय श्यामाप्रसाद मुखर्जी भवन में वीर बाल दिवस पर आज शबद कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने शहीद साहिबजादों को श्रृद्धासुमन अर्पित कर नमन किया। उन्होंने सिकंदराबाद से अमृतसर के लिए सीधी रेल सेवा के आग्रह पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हैदराबाद आने वाले हैं। स्वर्ण मंदिर के दर्शनार्थ जाने वाले भक्तों की सुविधार्थ सिखों के हाई लेवल डेलीगेशन के साथ मिलकर वे (किशन रेड्डी) खुद केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे ।

सिख समुदाय द्वारा 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के बदले बलिदान दिवस नाम रखने का प्रस्ताव रखे जाने पर किशन रेड्डी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंति 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है, इसलिए 26 दिसंबर को बाल दिवस नाम देना तर्क संगत (रिलेवेंट) नहीं है। 350 वर्ष पूर्व धर्म के लिए बलिदान देने वाले साहिबजादों के साहस का दिन होने के कारण इस दिन वीर बाल दिवस घोषित किया गया था। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद नाम बदलने के लिए जो प्रस्ताव रखा गया है, वे उससे प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे । उन्होंने कहा कि जब वे (किशन रेड्डी) संस्कृति मंत्री थे तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेशों पर वर्ष 2022 में लाल किला में जिस स्थान पर बलिदान दिया गया था, वहां पर वीर बाल दिवस मनाया गया था। उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर भारत के आत्मगौरव का दिन है इसलिए बलिदानियों को तेलंगाना भाजपा की ओर से शत शत नमन है। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को भी धर्म के लिए प्राणों की आहूति देने वाले इन साहिबजादों के साहस को जानना चाहिए। इसलिए अगले वर्ष से गांव- गांव में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि स्वतंत्रता के इतने वर्षों के बाद साहिबजादों के त्याग को सार्वजनिक नहीं होने दिया गया। देश व धर्म के इन गुमनाम नायकों के बारे में वर्तमान पीढ़ी जानती तक नहीं है, यह चिंता का विषय है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व तेलंगाना प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी ने गर्व का अनुभव करते हुए कहा कि सिख धर्म का इतिहास गौरवशाली रहा है जो सभी के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने साहसी बलिदानी साहेबजादों की वीरता को नमन किया। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि इतने बड़े बलिदान को कांग्रेस ने क्यों छिपाए रखा ? पाकिस्तान स्थित करतापुर साहेब कॉरिडॉर क्यों विकसित नहीं किया ? उन्होंने प्रश्न किया कि शहीद भगतसिंह के सच्चे चरित्र, जलियांवाला बाग के इतिहास को नौजवानों को क्यों नहीं बताया गया, यह बडा प्रश्न है ? उन्होंने चेताते हुए कहा कि आने वाला समय भारत विशेषकर धर्म के लिए चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में साहिबजादों के धर्म के लिए किए गए बलिदानों के वास्तविक इतिहास को स्कूलों व कॉलेजों में ले जाया जाएगा और इसके लिए सभी को संकल्प लेना होगा ।

सरदार जगमोहन सिंह ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि देश के लिए सिखों की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता। चिंता की बात है कि वर्ष 1947 के बाद से इतने वर्ष किसी को शहीद साहेबजादे याद नहीं आए । उन्होंने कहा कि किसी प्रधानमंत्री को इस शहीद दिवस के बारे में पता तक नहीं रहा, लेकिन पहली राजनीतिक पार्टी भाजपा ही है जिसने साहिबजादों के त्याग को सम्मान दिया है । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की संस्कृति विशेषकर सिखों के इतिहास को जानते हैं, इसलिए 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने के आदेश दिए गए। ऐसी सरकार को नमन है। उन्होंने कहा कि साहिबजादों को घोर यातनाएं दीं गईं। अंतिम समय तक इस्लाम कबूल करने मजबूर किया गया और कहा गया कि इस्लाम कबूल करने पर छोड़ दिया जाएगा, परंतु वीर साहिबजादों ने प्राण त्याग दिए, लेकिन धर्म नहीं छोडा। उन्होंने साहिबजादों की कुर्बानियों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग सरकार से की। साथ ही सिकंदराबाद से अमृतसर स्वर्ण मंदिर के लिए सीधी रेल सेवा की व्यवस्था करने तथा वीर बाल दिवस के बजाए बलिदान दिवस नाम रखने का सरकार से आग्रह किया।

अवसर पर प्रदेश भाजपा महासचिव गुज्जुला प्रेमेंदर रेड्डी, सचिव जयश्री, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष व कार्यक्रम समन्वयक डॉ. शिल्पा रेड्डी, पूर्व विधान परिषद सदस्य एन. रामचंदर राव, भाजपा सेंट्रल जिला अध्यक्ष गौतम राव, सरदार ज्ञानी हरविंदर सिंह, सरदार बलदेव सिंह बग्गा, सरदार तरणजीत सिंह भाटिया, सरदार राजेंदर सिंह ठकराल, सरदार जसपाल सिंह, सरदार भाई हरिसिंह एवं अन्य उपस्थित थे।

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