भोपाल, अभिनेता सैफ अली खान और उनके परिवार को विरासत में मिली भोपाल के पूर्व शासकों की 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का भविष्य अधर में लटका हुआ है, क्योंकि शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। उनके वकीलों ने यह जानकारी दी।
वकीलों ने बुधवार को कहा कि अगर भोपाल के नवाब के उत्तराधिकारियों द्वारा भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर नहीं की जाती है, तो संपत्ति केंद्र के नियंत्रण में आ सकती है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 13 दिसंबर, 2024 के आदेश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले मुंबई स्थित शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय के समक्ष अपील दायर की है या नहीं। सैफ अली खान की माँ और मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर (पटौदी) और अन्य ने भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक के 24 फरवरी, 2015 के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसमें भोपाल नवाब की संपत्ति को शत्रु संपत्ति कहा गया था।
गृह मंत्रालय के अधीन प्राधिकरण ने इस आधार पर अपना फैसला सुनाया था कि नवाब मुहम्मद हमीदुल्ला खान की सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान बेगम विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गई थी। इसलिए, ऐसी सभी संपत्ति जो उन्हें विरासत में मिलनी थी, शत्रु संपत्ति है और भारत के शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक के संरक्षण में है। हालाँकि, वरिष् अधिवक्ता और नवाबों की संपत्ति के विलय के विशेषज्ञ जगदीश छावनी ने 10 जनवरी, 1962 के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि 1960 में हमीदुल्लाह खान की मृत्यु के बाद भारत सरकार ने साजिदा सुल्तान बेगम को ऐसी शासक के रूप में मान्यता दी, जो नवाब हमीदुल्लाह की सभी निजी संपत्ति, चल और अचल, की एकमात्र उत्तराधिकारी हैं और भारत सरकार को ऐसी संपत्ति को साजिदा सुल्तान बेगम को हस्तांतरित करने पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि साजिदा सुल्तान बेगम नवाब हमीदुल्लाह की दूसरी बेटी हैं और चूँकि सबसे बड़ी बेटी (आबिदा) पाकिस्तान चली गईं, इसलिए साजिदा ऐसी सभी संपत्ति की मालिक बन गईं।(भाषा)