राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट में श्री कार्तिकेय ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज ने किया बड़ा निवेश

हैदराबाद, राजस्थान में जारी राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट में अलग-अलग सेक्टर के लिए 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू साइन किए गए हैं। इसमें राजस्थान सरकार ने कृषि और इससे जुड़े सेक्टर के लिए 19,500 करोड़ रुपये के एमओयू पर दस्तखत किए। राइजिंग राजस्थान के एग्रीकल्चर प्री-समिट में 862 निवेशकों ने एमओयू पर साइन किए। इसमें एग्रीकल्चर मार्केटिंग, हॉर्टिकल्चर, फिशरीज, ऑर्गेनिक फार्मिंग, पशुपालन, डेयरी और कोऑपरेटिव सेक्टर शामिल हैं। इस दौरान हैदराबाद बेस्ड यूनिकॉर्न कंपनी इग्जोरियल बायोमैड ने एग्रीकल्चर सेक्टर में बड़ा निवेश किया है। कंपनी की सीएमडी और प्रसिद्ध उद्ममी भगवती बल्दवा ने दानदाता एवं उद्योगपति महेश बल्दवा की मौजूदगी में राजस्थान सरकार के साथ एमओयू साइन किया।

आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इग्जोरियल बायोमैड एक प्रमुख बायोटेक्नोलॉजी कंपनी है, जो प्राकृतिक हर्बल उत्पादों में विशेषज्ञता रखती है। कंपनी खास तौर पर अपने प्रीमियम उत्पाद केएसएम-66 अश्वगंधा के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है, जो दुनिया में सबसे उच्च-गुणवत्ता और उच्च-शक्ति वाला अश्वगंधा एक्सट्रैक्ट माना जाता है।

राइजिंग राजस्थान के एग्रीकल्चर प्री-समिट पर भगवती बल्दवा ने कहा कि राजस्थान सरकार ईज ऑफ बिजनेस पर फोकस कर रही है। प्रवासी राजस्थानी होने के नाते अपनी जड़ों को मजबूत करने के लिये कंपनी ने राजस्थान सरकार के आमंत्रण पर निवेश किया है। आने वाले समय में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होने वाला है। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के विजन को आगे बढ़ाते हुए राजस्थान में देश और दुनिया से निवेशकों को आमंत्रित किया। राइजिंग राजस्थान एक बड़ा बहुत अभियान है, जिसमें प्रवासी राजस्थानियों को बढ़ चढ़कर भाग लेना चाहिए।

उद्योगपति महेश बल्दवा ने कहा कि श्री कार्तिकेय ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज और राजस्थान सरकार की भागीदारी से राज्य में नए औद्योगिक विकास का रास्ता खुलेगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में नया आगाज होगा। राजस्थान कृषि प्रधान प्रदेश है, जहाँ लोग खेती-बाड़ी पर ज्यादा निर्भर हैं। लिहाजा एग्रीकल्चर सेक्टर में निवेश से आयुर्वेदिक सप्लाई चेन दुरुस्त होगी।

राजस्थान के जोधपुर, कोटा, गंगानगर, अलवर और बीकानेर में 5 एग्रो-फूड पार्क, जयपुर, जोधपुर और टोंक में तीन एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर बनने और राजस्थान एग्री इंफ्रा स्ट्रक्चर में निजी निवेश से प्रदेश का काया पलट होने वाला है। राइजिंग राजस्थान एग्रीकल्चर प्री-समिट में कृषि से जुड़े लगभग हर सेक्टर में निवेश की संभावना बढ़ी है। एग्रीकल्चर मार्केटिंग, ऑर्गेनिक फार्मिंग, हॉर्टिकल्चर, फिशरीज, पशुपालन और डेयरी में किसानों के साथ आम लोगों के लिए कमाई और रोजगार के नए रास्ते बनने वाले हैं।

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