सिंधू और लक्ष्य को एकल खिताब, त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद ने जीता महिला युगल

लखनऊ, शीर्ष वरीय पी.वी. सिंधू और लक्ष्य सेन ने रविवार को यहाँ सैयद मोदी इंटरनेशलन बैडमिंटन टूर्नामेंट में दबदबे भरा प्रदर्शन करते हुए क्रमश: महिला और पुरुष एकल खिताब अपनी झोली में डाले।दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू (18वीं रैंकिंग) ने चीन की वू लुओ यू (119वीं रैंकिंग) को 21-14 21-16 से मात देकर तीसरी दफा इस टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया और लंबे समय से चले आ रहा खिताब का सूखा समाप्त किया। वह इससे पहले 2017 और 2022 में भी ट्रॉफी जीत चुकी हैं।

पुरुष एकल फाइनल में 2021 विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य ने दबदबे भरा प्रदर्शन करते हुए खिताबी भिड़ंत में सिंगापुर के जिया हेंग जेसन तेह को 21-6, 21-7 से मात दी। पूर्व विश्व चैम्पियन 29 वर्ष की सिंधू ने दो साल बाद पोडियम पर शीर्ष स्थान प्राप्त किया। उन्होंने आखिरी खिताब जुलाई 2022 में सिंगापुर ओपन में जीता था। इस साल वह मई में मलेशिया मास्टर्स सुपर 500 के फाइनल में भी पहुँची।पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक के प्लेऑफ में मिली निराशाजनक हार के बाद लक्ष्य की जीत राहत देने वाली है। इस जीत से निश्चित रूप से नये सत्र से पहले उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

भारतीय बैडमिंटन को दिन में जश्न मनाने का एक और मौका मिला जब त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की महिला युगल जोड़ी ने बाओ ली जिंग और ली कियान की चीन की जोड़ी को महज 40 मिनट में 21-18, 21-11 में हराकर अपना पहला सुपर 300 खिताब जीता। राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता जोड़ी के लिए यह जीत ऐतिहासिक है, क्येंकि त्रीसा और गायत्री इस टूर्नामेंट में खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला युगल जोड़ी बन गईं। यह जोड़ी 2022 चरण में उपविजेता रही थी। भारत के पृथ्वी कृष्णमूर्ति रॉय और साई प्रतीक की पुरुष युगल जोड़ी तथा तनीषा क्रास्टो और ध्रुव कपिला की मिश्रित युगल टीम ने अपना अभियान उप विजेता के तौर पर समाप्त किया। पृथ्वी और साइ ने 71 मिनट तक चले पुरुष युगल फाइनल में कड़ी चुनौती पेश की, लेकिन उन्हें चीन के हुआंग डि और लियू याँग से 14-21, 21-19, 17-21 से हार का मुंह देखना पड़ा।

पाँचवी वरीयता प्राप्त तनीषा और ध्रुव की जोड़ी एक गेम की बढ़त गंवाकर मिश्रित युगल के फाइनल में थाईलैंड के डेचापोल पुआवारानुक्रोह और सुपिसारा पाएवसप्रान की जोड़ी से 21-18, 14-21, 8-21 से पराजित हो गई। सिंधू पहले गेम में 8-5 से आगे थी और वू की चुनौती के बावजूद 11-9 से दो अंकें की बढ़त हासिल करने में सफल रहीं। ब्रेक के बाद सिंधू ने 15-10 से बढ़त हासिल की। फिर रैलियें पर पकड़ बनाए रखी और आराम से पहला गेम जीत लिया।

सिंधू दूसरे गेम में भी तेज शुरुआत करते हुए 3-0 से आगे हो ली, लेकिन वू ने जल्द ही स्कोर 10-10 से बराबर कर दिया। चीन की बाएँ हाथ की खिलाड़ी ने सटीक ड्रॉप शॉट से सिंधू को परेशान किया और ब्रेक तक 11-10 की मामूली बढ़त हासिल कर ली। ब्रेक के बाद सिंधू ने वू को गलतियाँ करने पर मजबूर किया और एक तेज स्ट्रेट स्मैश और बॉडीलाइन स्मैश की बदौलत 15-11 की बढ़त हासिल कर ली। फिर एक ताकतवर स्मैश से खिताब कब्जाने में सफल रही। लक्ष्य (23 वर्ष) पहले गेम में 8-0 से आगे थे। उनके तेज र्तार खेल से तेह को संघर्ष करना पड़ा और सिंगापुर के खिलाड़ी ने कई सहज गलतियाँ कीं। तेह को दो आक्रामक रिटर्न से कुछ अंक हासिल करने में मदद की। लेकिन लक्ष्य जल्द ही नियंत्रण बनाकर सात गेम प्वाइंट हासिल कर लिए। फिर भारतीय खिलाड़ी ने अगले 10 में से नौ प्वाइंट जीतकर स्कोर 1-0 कर दिया।

दूसरे गेम में भी लक्ष्य ने यही रुख अख्तियार रखा और 10-1 से आगे हो गये। तेह को लक्ष्य की स्फूर्ति और सटीकता से परेशानी हो रही थी, जिससे वह बैकफुट पर आ गये। भारतीय खिलाड़ी 15-5 से आगे थे और तेह ने कई स्ट्रोक्स के साथ वापसी करने की कोशिश की। लक्ष्य ने शानदार डिफेंस दिखाया और 16-7 को 20-7 तक पहुँचा दिया। मैच का अंत तेह के लंबा शॉट लगाने के साथ हुआ, जिससे लक्ष्य अपना पहला सैयद मोदी इंटरनेशनल खिताब जीतने में सफल रहे।(भाषा)

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