कोयला ब्लॉक नीलामी में भाग लेगी सिंगरेणी : भट्टी विक्रमार्का

हैदराबाद, उप-मुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्का ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्रीय कोयला मंत्रालय द्वारा आयोजित नीलामी में भाग लेने की सिंगरेणी को अनुमति देने का निर्णय लिया है। उन्होंने सचिवालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अब तक नीलामी में भाग न ले पाने के कारण सिंगरेणी को दो प्रमुख कोयला ब्लॉक खोना पड़ा। श्रमिक संघ और सिंगरेणी बोर्ड सरकार से नीलामी में भाग लेने की अनुमति देने का आग्रह कर रहे हैं।

सिंगरेणी के 40 हजार श्रमिकों की आजीविका और कंपनी के अस्तित्व को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने याद दिलाया कि पहले सिंगरेणी क्षेत्र के सभी कोयला ब्लॉक सिंगरेणी कंपनी को ही आवंटित किए जाते थे लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद केंद्र सरकार सरकारी और निजी संस्थाओं को नीलामी प्रक्रिया के जरिए कोयला ब्लॉकों का आवंटन कर रही है।

इसके अलावा विभिन्न कारणों के चलते सिंगरेणी को इन नीलामियों में भाग लेने से रोक दिया गया। परिणामस्वरूप सिंगरेणी के बाजू स्थित दो प्रमुख ब्लॉक सत्तुपल्ली और कोयागुडेम निजी स्वामित्व में चले गए। इससे सिंगरेणी को 60 हजार करोड़ रुपये के राजस्व और 15 हजार करोड़ के लाभ का नुकसान हुआ। भट्टी ने इसे एक गंभीर भूल बताते हुए कहा कि नीलामी में भाग न लेने से निजी कंपनियों को फायदा हुआ। उन्होंने आगे कहा कि नीलामी के माध्यम से निजी कंपनियों के कोयला ब्लॉक हासिल करने से राज्य का राजस्व कम नहीं होगा।

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सिंगरेणी की नई खदानें और ऊर्जा विस्तार योजना

निजी कंपनियां भी राज्य सरकार को रॉयल्टी देंगी, लेकिन अगर सिंगरेणी उन्हें हासिल कर लेती है, तो इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के अलावा 40 हजार स्थायी कर्मचारियों और 30 हजार ठेका श्रमिकों का भविष्य सुरक्षित होगा। उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में सिंगरेणी 38 खदानों का संचालन करती है, लेकिन कोयला भंडार घटने के कारण अगले पांच वर्षों में 10 खदानें बंद होने वाली हैं, जिससे संभावित रूप से 8 हजार कर्मचारी अधिशेष हो सकते हैं।

उनके रोजगार को सुरक्षित करने के लिए नई खदानें आवश्यक हैं। सिंगरेणी सालाना 72 मिलियन टन कोयला उत्पादन करती है, लेकिन नए ब्लॉकों के बिना उत्पादन आधे से भी अधिक गिर सकता है। इसलिए 40 हजार प्रत्यक्ष कर्मचारियों और 30 हजार अप्रत्यक्ष ठेका श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए और कंपनी के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सिंगरेणी को भविष्य की सभी नीलामियों में भाग लेने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि केवल कोयला उत्पादन ही नहीं, बल्कि सिंगरेणी ताप विद्युत, सौर ऊर्जा और हरित ऊर्जा क्षेत्रों में भी प्रवेश कर रही है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण खनिजों की बढ़ती मांग को देखते हुए सिंगरेणी इस क्षेत्र में भी प्रवेश करने की तैयारी कर रही है।

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