हैदराबाद, आत्मा की कमाई एवं कर्म निर्जरा के लिए शरीर का नहीं सोचना चाहिये। इच्छाशक्ति एवं मन मजबूत हो, तो बड़ी से बड़ी तपस्या आसानी से कर सकते हैं।
उक्त उद्गार अमीरपेट स्थित जैन स्थानक में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ अमीरपेट के तत्वावधान में आयोजित चातुर्मासिक धर्मसभा को संबोधित करते हुए पूज्य मंगलज्योतिजी म.सा. ने दिये। आज यहां संघ के महामंत्री पंकज रांका द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पूज्य साध्वी मंगलज्योतिजी ने तपस्या का महत्व बताते हुए कहा कि इच्छा और कामना के साथ किया हुआ तप कर्म की निर्जरा का नहीं होता है।
बड़ी से बड़ी परेशानी का हल तप के माध्यम से किया जा सकता है। म.सा. ने दान शील तप भावना द्वारा प्रवचन माला के मोती धर्मसभा में बिखेरते हुए अधिक से अधिक संख्या में जप तप करने का संदेश दिया। आज मनीष कुमार पोखरणा द्वारा 9 उपवास एवं अनेक छोटी बडी तपस्या के पच्चखान लिए गए। नवकार जैन युवा परिषद के महामंत्री मनीष पोकरणा के 9 उपवास के उपलक्ष्य में श्रीसंघ द्वारा स्वागत सम्मान शॉल, माला, तपोभिनंदन पत्र द्वारा किया गया।
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तपस्वी के सम्मान में समाज ने किया भावपूर्ण स्वागत
अमीरपेट संघ के पूर्व अध्यक्ष सज्जनराज कोठारी, श्री संघ के अध्यक्ष मनीष दूगड़, संघ के महामंत्री पंकज रांका, संघ के कार्याध्यक्ष अनिल तातेड़, माता त्रिशला देवी महिला मंडल से विमला बोरदिया, एनजेवाईपी के उपाध्यक्ष बृजेश गुलेछा, अल्का बोरदिया, विनीता सुराणा, अल्का पोखरणा, स्वाति कोठारी, तपस्वी के सुपुत्र बालक अद्वित पोखरणा ने तपस्वी का गुणगान करते हुए अनुमोदना की एवं अपने मन के भावों को प्रकट करते हुए तपस्वी का बहुमान किया।
नवकार महामंत्र का पारिवारिक जाप एकासन अयम्बिल निरंतर गतिमान है। नवकार युवा परिषद, नव उन्नति मंडल, नवकार बहू उद्देशीय मंडल, नवकार कन्या मंडल, प्राज्ञ युवा संघ, किट्टी ग्रुप, राजस्थान रॉयल्स किट्टी ग्रुप तपस्वी का स्वागत किया। आज की गौतम प्रसादी के लाभार्थी पन्नालाल सुरेंद्र कुमार मनीष मोहित पोकरणा परिवार की ओर से थी।
