नकली दवाओं को लेकर उठाए जाएँ कड़े कदम : स्वास्थ्य मंत्री
हैदराबाद, स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने आज औषधि नियंत्रण प्राधिकरण (डीसीए) और तेलंगाना चिकित्सा सेवा एवं अवसंरचना विकास निगम (टीजीएमएसआईडीसी) के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य घटिया और नकली दवाओं के निर्माण व वितरण के खिलाफ विनियामक उपायों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में संबंधित अधिकारियों को नकली दवाओं के निर्माण और बिक्री में शामिल संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इस तरह की प्रथाओं से उत्पन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे पर विशेष बल देते हुए उन्होंने दवा निर्माण इकाइयों, खुदरा फार्मेसियों और दवा की दुकानों में व्यापक व गहन निरीक्षण अभियान के लिए अतिरिक्त दवा निरीक्षकों की तैनाती का निर्देश दिया। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने दवा निर्माण मानकों के गंभीरता से पालन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दवाओं की गुणवत्ता से जुड़ी शिकायतों को आसानी से दर्ज करने की सुविधा के लिए जिला कलेक्ट्रेट में शिकायत प्रकोष्ठों की स्थापना का निर्देश दिया। साथ ही शिकायतों को निपटाने और उल्लंघनों की तुरंत पहचान करने के लिए औचक निरीक्षण करने समर्पित राज्य सतर्कता प्रकोष्ठ की स्थापना की बात भी कही।
अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तेलंगाना में अतिरिक्त औषधि परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को हैदराबाद में मौजूदा प्रयोगशाला को उन्नत करने और मौजूदा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चार नई प्रयोगशालाएँ स्थापित करने के प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त माशेलकर समिति की सिफारिशों के अनुसार मौजूदा 71 ड्रग इंस्पेक्टरों की संख्या को 150 तक बढ़ाने की तैयारी करने का निर्देश देते हुए इन पदों को स्वीवफढत करने पर मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से चर्चा करने का आश्वासन दिया।
बैठक में दवा की कीमतों और गुणवत्ता पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखने के लिए औषधि निरीक्षकों और जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच समन्वय पर भी बल दिया गया। डीसीए के समर्थन से टीजीएमएसआईडीसी को सरकारी अस्पतालों को आपूर्ति की जाने वाली दवाओं की खरीद प्रक्रिया की कड़ी निगरानी करने, गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खरीद से पहले और बाद में रैंडम सैंपलिंग करने का निर्देश दिया गया। किसी भी गैर-अनुपालन या घटिया दवाओं की पहचान के परिणामस्वरूप संबंधित आपूर्तिकर्ता को ब्लैकलिस्ट किए जाने की बात भी कही गई।