पुलिसवालों की आत्महत्याएँ गंभीर विषय : हरीश
हैदराबाद, राज्य में पुलिस आत्महत्याओं के मामले प्रकाश में आने के प्रति भारत राष्ट्र समिति (भारास) विधायक व पूर्व मंत्री टी. हरीश राव ने चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी सरकार से घटनाओं की विभागीय जांच कराने तथा पुलिसवाले आत्महत्याएं न करें, इसके लिए मनोचिकित्सकों से काउंसिलिंग करवाने की मांग की।
हरीश राव ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जनता की सुरक्षा करने वाले पुलिसवालों द्वारा आत्महत्या करना गंभीर चिंता का विषय है। इससे साफ जाहिर होने लगा है कि जनता के जान माल की रक्षा करने वाले पुलिसवालों की जान ही सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि काम का बोझ, सरकार के किए वादे पूरे करने के प्रति सरकार की लापरवाही पुलिसवालों के जीवन पर काफी बुरा प्रभाव डाल रही है। उन्होंने कहा कि पुलिसवालों में आत्महत्याओं का विचार न आए इसके लिए सरकार मनोचिकित्सकों से पुलिसवालों की काउन्सिलिंग करवाए। उन्होंने पुलिसवालों से भी आत्महत्याएं न करने का आह्वान किया और कहा कि आत्महत्याएं किसी समस्या का हल नहीं हैं। काफी परिश्रम के बाद पुलिस की नौकरी मिली है और अभिभावकों व परिवार के सदस्यों ने जो भरोसा रखा है उसे इस प्रकार न तोडें और मूल्यवान जीवन को इस प्रकार न खोएं।
पूर्व मंत्री व विधायक टी. हरीश राव ने चिंता जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी सरकार के शासन में महिलाएं और नाबालिग बालिकाएं असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में अपराध का स्तर बढ़ा है। बलात्कार के मामलों में भी भारी वृद्धि हो रही है। नाबालिगाओं के अपहरण के मामले बढ़ना चिंता का विषय है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अपराधियों का खुले आम घूमना पुलिस की विफलता का सबूत दे रहा है क्योंकि सरकार पुलिस का उपयोग राजनीतिक बदले की भावना को पूरा करने के लिए कर रही है और विपक्षियों का गला घोंट रही है जिसके चलते राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है और इसका कारण मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी खुद हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की विफलता के कारण तेलंगाना पुलिस अपनी प्रवीणता तक खो चुकी है। उन्होंने मांग की कि जनता को त्वरित न्याय मिले और पुलिस पर जनता का विश्वास बढे इसके लिए सरकार को कदम उठाने होंगे और सरकार को चाहिए कि विपक्ष का गला घोंटने के लिए पुलिस का उपयोग न करे, बल्कि पुलिस बजट समय पर जारी करके पुलिस विभाग को मजबूत बनाया जाए।(विकास जगताप)