बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

नई दिल्ली, प्रयागराज में घरों को गिराने की कार्रवाई को अमानवीय और अवैध करार देते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को शहर विकास प्राधिकरण को छह सप्ताह के अंदर प्रत्येक मकान मालिक को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयाँ की पीठ ने कहा कि जिस तरीके से मकान गिराये गए हैं, वह हमारी अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है। अपीलकर्ताओं के घरों को मनमाने तरीके से ध्वस्त कर दिया गया। आश्रय का अधिकार, कानून की उचित प्रक्रिया नाम की कोई चीज होती है। पीठ ने देश में कानून के शासन पर बल देते हुए कहा कि मकान गिरा देने का मनमाना तरीका प्रशासन की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।

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शीर्ष अदालत ने कहा कि नागरिकों के मकानों को इस तरह से ध्वस्त नहीं किया जा सकता। प्रयागराज विकास प्राधिकरण को याद रखना चाहिए कि आश्रय का अधिकार अनुच्छेद- 21 का अभिन्न अंग है और कानून शासन संविधान का मूल हिस्सा है। (भाषा)

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