सहकारिता मॉडल पर जल्द ही शुरू होगी टैक्सी सेवा
सहकारी मॉडल से टैक्सी सेवाओं में आएगा बदलाव
नई दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में घोषणा की कि सरकार जल्द ही सहकारी टैक्सी सेवा शुरू करेगी। यह सेवा कुछ महीनों में लागू होगी, जिसमें दोपहिया वाहन, टैक्सी, रिक्शा और चौपहिया वाहनों का पंजीकरण संभव होगा। इस पहल के तहत चालकों को सीधे लाभ मिलेगा और उनके कार्य वातावरण में सुधार होगा।
यह सहकारी टैक्सी सेवा “सहकार से समृद्धि” के सिद्धांत पर आधारित होगी, जहाँ इच्छुक टैक्सी चालक स्वयं इस सेवा का संचालन और प्रबंधन करेंगे। इस सहकारी मॉडल का मुख्य उद्देश्य अधिकतम लाभ को सदस्यों के बीच समान रूप से वितरित करना और सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। इससे न केवल टैक्सी चालकों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी बेहतर सेवाएँ मिलेंगी।
सहकारिता से समावेशी विकास को मिलेगा बढ़ावा
सहकारिता एक ऐसा सिद्धांत है, जिसमें लोग आपसी सहयोग से सहकारी समितियाँ बनाते हैं, जो आर्थिक लाभ और समान अवसर प्रदान करती हैं। भारत में पहले भी सहकारी संस्थानों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया है, जिसमें अमूल एक प्रमुख उदाहरण है। वर्तमान में देशभर में 8 लाख से अधिक सहकारी संस्थाएँ कार्यरत हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में 30 करोड़ से अधिक सदस्यों को सेवा प्रदान कर रही हैं। सरकार की इस नई पहल से न केवल टैक्सी चालकों को वित्तीय स्थिरता मिलेगी, बल्कि यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी। सहकारी टैक्सी सेवा, स्टार्टअप्स और उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ निजी क्षेत्र को भी प्रतिस्पर्धा के नए अवसर प्रदान करेगी।( PIB)
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