जरूरतों के अनुरूप विकसित हो प्रौद्योगिकी : मोलुगरम
हैदराबाद, ओयू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में आज छह दिवसीय सम्मेलन आरंभ हुआ। अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उस्मानिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुमार मोलुगरम ने कहा कि शोध का लक्ष्य तभी पूरा होगा, जब समाज की जरूरतों के अनुसार प्रौद्योगिकी विकसित की जाएगी।
प्रो. कुमार मोलुगरम ने भारतीय परिप्रेक्ष्य में सेमीकंडक्टर आईसी डिजाइन में हालिया रुझान विषयक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के उद्योगों से जुड़ने से नवाचार तथा बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। हालाँकि शैक्षणिक संस्थान हर साल देश भर में लगभग 12 लाख इंजीनियर तैयार करते हैं, लेकिन स्थायी कौशल और ज्ञान वाले केवल 20 प्रतिशत लोगों को ही रोजगार के अवसर हासिल होते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में उपलब्ध संभावनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चिप डिजाइन और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में रोजगार के बेहतरीन अवसर हैं। उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के लिंकेज की सीमाओं और समस्याओं को पहचानकर उनका समाधान कर रोजगार के अवसरों में सुधार किया जा सकता है।
एनआईएन के वैज्ञानिक डॉ. भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा कि भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में उच्चतम स्तर तक पहुँचने की क्षमता है। उन्होंने शोधकर्ताओं से विकासशील से विकसित भारत की संकल्पना को जल्द ही साकार करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। ईसीआईएल के वैज्ञानिक डॉ. अनीश कुमार शर्मा ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों में आने वाले नए नवाचारों को व्यावसायिक बाजार में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। अन्य वक्ताओं ने भी विषय पर विचार रखते हुए शोधकर्ताओं से समस्याओं के समाधान की दिशा में तकनीकी विकास को आकार देने का आह्वान किया। अवसर पर इंजीनियरिंग विभाग के प्रिंसिपल प्रो. पी. चन्द्रशेखर, ईसीई विभाग के प्रमुख प्रो. डी. रामवफढष्ण, संकाय सदस्य, शोधकर्ता, छात्र व अन्य उपस्थित थे।