उत्तम सांसद की तर्ज पर तेलंगाना में सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार पर विचार

सदस्यों को विधानसभा के मामलों की पूरी समझ होना आवश्यक : गड्डम

हैदराबाद, विधानसभा अध्यक्ष गड्डम प्रसाद कुमार ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार की तर्ज पर तेलंगाना विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि विधायकों को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। विधानसभा में में कानून के निर्माण के साथ-साथ इस बात पर भी चर्चा होनी चाहिए कि इनकी जनहित में कितनी उपयोगिता है और उनका कार्यान्वयन किस तरह हो रहा है।

एमसीआरएचआरडी संस्थान में बुधवार को तेलंगाना के विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के लिए दो दिवसीय विधानमंडल ओरिएंटेशन कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सभापति ने कहा कि विधायिका लोकतंत्र में सक्रिय भूमिका निभाती है और लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार कानून बनाने की जिम्मेदारी विधानमंडल के सदस्यों की है। सदस्यों को विधान सभा के मामलों की पूरी समझ होना आवश्यक है, ताकि सदस्य सदन में सार्थक भूमिका निभा सकें। यह कार्यक्रम नए सदस्यों सहित सभी विधायकों और एमएलसी के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।

अवसर पर विधायी मामलों के मंत्री श्रीधर बाबू ने कहा कि पिछली बीआरएस सरकार ने नवनिर्वाचित विधायकों के प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के महत्व को नजरअंदाज कर दिया और पिछले दस वर्षों में इस तरह के कार्यक्रम कभी आयोजित नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक का राजनीतिक दलों से कोई लेना-देना नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीआरएस विधायक और एमएलसी इस तरह के महत्वपूर्ण कार्यक्रम से दूर रहे हैं। इसके अलावा सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि 2014 के बाद से विधानसभा सत्र केवल 4 से 5 दिनों के लिए आयोजित किए गए और पिछली बीआरएस सरकार ने सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा करने से रोकने के लिए सत्र आयोजित नहीं किए, जबकि वर्तमान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान निश्चित रूप से विधानसभा सत्र को अधिक से अधिक दिनों के लिए आयोजित करने का प्रयास किया जा रहा है।

मतदाताओं के साथ सीधा संवाद बनाएँ जनप्रतिनिधि : गुत्ता सुखेंदर

विधान परिषद के सभापति गुत्ता सुखेंदर रेड्डी ने निर्वाचित प्रतिनिधियों की जनता से दूरी और चुनावी हार का सामना करने के पीछे के कारणों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विधायकों और जनता के बीच बाधा पैदा करने में निजी सहायकों (पीए) और जनसंपर्क अधिकारियों (पीआरओ) की महत्वपूर्ण होती है। विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर के एक सत्र को संबोधित करते हुए गुत्ता सुखेंदर रेड्डी ने बताया कि पीए और पीआरओ द्वारा अशिष्ट व्यवहार सार्वजनिक संवाद को हतोत्साहित करता है। उन्होंने विधायकों को अपने मतदाताओं के साथ सीधा संवाद बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अपनी बात मनवाने के लिए कई उदाहरण प्रस्तुत किये और बताया कि विधायकों को फोन करने वाले लोगों को कर्मचारियों से प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप वे अपने नेता से दूर हो गये। जनप्रतिनिधियों से अपने मतदाताओं के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने का आग्रह करते हुए गुत्ता ने कहा कि इससे वे हमेशा लोकप्रिय बने रह सकते हैं।

कार्यक्रम में मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, तुम्मला नागेश्वर राव और पोन्नम प्रभाकर, विधान सचिव डॉ. नरसिम्हा चार्युलू, 65 विधायक और विधान पार्षद उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि बीआरएस के विधायकों इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया।

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