तेलंगाना उच्च न्यायालय ने दी विद्युत खरीदी को अनुमति
हैदराबाद, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने दैनिक आवश्यकताओं के लिए इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईई) से विद्युत खरीदी के लिए तेलंगाना डिस्कॉम को अनुमति देते हुए अंतरिम आदेश जारी किया। इसके साथ ही विद्युत खरीद-फरोख्त को भी अनुमति दी। छत्तीसगढ़ से विद्युत आपूर्ति के लिए बुक किए गए कॉरिडॉर से संबंधित बकाया का भुगतान डिस्कॉम द्वारा करने तक विद्युत की खरीद-फरोख्त को अनुमति न देने के लिए आईईई द्वारा ग्रिड कंट्रोल ऑफ इंडिया को लिखे गए पत्र को भी उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।
अदालत ने बताया कि कॉरिडॉर को बकाया से संबंधित मामले के केंद्रीय बिजली नियंत्रण बोर्ड में लम्बित रहने के दौरान आईईई द्वारा नेशनल पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन को पत्र लिखने पर आपत्ति जताते हुए इसे अनुचित बताया। इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से उप-सॉलिसीटर जनरल जी. प्रवीण कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा बिजली की खरीद-फरोख्त को अनुमति देते हुए जारी अंतरिम आदेश आईईई को भेजा जाएगा। इस आदेश के चलते 60 मिलियन यूनिट बिजली की खरीद को अनुमति न देने संबंधी समस्या दूर हो गई है।
पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन को आईईई द्वारा लिखे गए पत्र को चुनौती देते हुए टीजीएसपीडीसीएल ने आज अति-आवश्यक भोजन अवकाश के समय याचिका दायर की। इस याचिका पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सी.वी. भास्कर रेड्डी ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान तेलंगाना के महाधिवक्ता ए. सुदर्शन रेड्डी ने तर्क देते हुए बताया कि पीजीसीएल को बकाया से संबंधित मामला सीईआरसी में लम्बित है। इस पर सुनवाई जारी है। ऐसी स्थिति में पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ने आज प्राप्ति पोर्टल के जरिए बिजली खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने की जानकारी दी। इसका राज्य भर में बुरा प्रभाव पड़ेगा। रोजमर्रा के उपयोग हेतु 60 मिलियन यूनिट बिजली की खरीदी प्रभावित हो रही है। इस कारण किसान खेती, उद्योग, अस्पताल, आईटी कंपनियाँ और घरेलू स्तर पर भी परेशानी होगी।
केंद्र सरकार के सर्कुलर के अनुसार, बिजली की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने से पाँच दिन पूर्व सूचना देनी होगी, लेकिन पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन के पत्र के कारण पीसीईएल से संबंधित प्राप्ति पोर्टल पर टीजीएसपीडीसीएल को इनवाइस अपलोड करने की अनुमति नहीं मिल रही है। राज्य भर में वर्तमान समय में 240 मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता है, लेकिन 180 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इस कारण अतिरिक्त 60 मिलियन यूनिट बिजली की खरीदी करनी है। इस प्रकार रोजमर्रा में बिजली की खपत हो रही है। दलील सुनने के पश्चात न्यायाधीश ने मामले के संबंध में पूर्ण विवरण के साथ प्रतियाचिका दायर करने के ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया, पॉवर फायनांस कॉर्पोरेशन, सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड, केंद्रीय बिजली विभाग को आदेश देते हुए मामले की सुनवाई दशहरे के अवकाश के बाद तक स्थगित कर दी।