न्यूक्लियर मिसाइलधारी अरिघात से बढ़ेगी चीन-पाक की टेंशन
विशाखापट्टनम, भारत की नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए अरिहंत श्रेणी की दूसरी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को गुरुवार को विशाखापट्टनम में नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया। इस पनडुब्बी के शामिल होने से नौसेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ गई है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अनेक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी तथा सुरक्षा क्षेत्र से जुड़े अधिकारी भी मौजूद थे। राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में विश्वास जताया कि अरिघात देश की परमाणु तिकड़ी यानी परमाणु ट्रायडंट को और मजबूत करेगी। यह परमाणु प्रतिरोध को बढ़ाएगी। क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन और शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी और देश की सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभाएगी। उन्होंने इसे राष्ट्र के लिए उपलब्धि और सरकार के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के अटूट संकल्प का प्रमाण बताया।
पनडुब्बी डेढ़ हजार फुट से भी अधिक गहराई तक पानी में जा सकती है। देश में तीसरी परमाणु पनडुब्बी अरिदमन भी बनायी जा रही है और कुछ वर्षो में यह भी नौसेना के बेड़े में शामिल हो जायेगी। अरिहंत और अरिघात में 83 मेगावाट के लाइट वाटर रिएक्टर हैं जिनसे इनका संचालन किया जाता है। परमाणु रिएक्टरों के कारण ये पनडुब्बी परंपरागत पनडुब्बियों की तुलना में महीनों तक पानी के भीतर रह सकती हैं।
आईएनएस अरिघात के निर्माण में उन्नत डिजाइन और विनिर्माण प्रौद्योगिकी, विस्तृत अनुसंधान और विकास, विशेष सामग्रियों का उपयोग, जटिल इंजीनियरिंग और अत्यधिक कुशल कारीगरी का उपयोग किया गया है। इसे स्वदेशी सिस्टम और उपकरण होने का गौरव प्राप्त है, जिनकी संकल्पना, डिजाइन, निर्माण और एकीकरण भारतीय वैज्ञानिकों, उद्योग और नौसेना कर्मियों द्वारा किया गया है। रक्षा मंत्री ने इस क्षमता को हासिल करने हैं।