जगत कल्याण की राह पर दिव्य दंपत्ति सद्गुरु रमेश और गुरु माँ

हैदराबाद निवासी बी डी जैन के सुपुत्र प्रतिष्ठित व्यापारी श्री रमेश और बहू कुसुम ने अपने परिवार के सहयोग से 1992-93 तक सांसारिक जीवन की ऊंचाइयों को छुआ। अब रमेश के मन में प्रश्न उठने लगे कि जीवन में इसके आगे क्या है? ब्रह्मांड की तरंगों ने उनके इस भाव को पकड़ लिया। उनके मामा श्रीराजेंद्र ब्रह्मचारी ने अचानक एक दिन रमेश से कहा, ‘मैं तुम्हें एक मंत्र देता हूं। रोज पांच मिनट उसका जप करो।”
यहीं से इस दंपत्ति की सांसारिक यात्रा के साथ आध्यात्मिक यात्रा भी शुरू हो गई। लगभग तीन वर्ष के बाद अपने प्रथम गुरु की सहायता से यह दंपत्ति स्वामी पूर्णानंद की शरणागति में गया। प्रथम गुरु की छत्रछाया में सभी यौगिक क्रियाएँ और प्राणायाम आदि की पराकाष्ठा पर पहुंच गए। एक दिन रमेश ने सोचा कि इसी जन्म में उस सर्वोच्च शक्ति को प्राप्त करना चाहिए। इसी तड़प ने उन्हें उनके मुकाम तक पहुंचा दिया।
सर्वव्यापी ब्रह्मज्ञानी त्रिकालदर्शी श्रीशैलम निवासी सद्गुरु श्री पूर्णानंद के सान्निध्य, सत्संग और कृपा का लाभ इस दंपत्ति ने 1995 से लेना शुरू किया और 8 दिसंबर, 1999 को दोनों एक साथ एक ही दिन आत्मज्ञान में स्थित हो गए। सन 2000 में पूर्णानंद स्वामी समाधिस्थ होने के पश्चात् उनकी कृपा से उनके शुद्ध ब्रह्मज्ञान को ब्रह्मांड के प्रत्येक जीव तक पहुंचाने का प्रयास प्रारंभ किया। इस क्रम में रमेश सद्गुरु और कमला गुरु माँ बन गईं। लगभग 25 वर्षों से गुरु तत्व से प्राप्त कृपा, शक्ति और ज्ञान को आप निरंतर बिना किसी विश्राम के खुशी-खुशी लुटाकर जगत का कल्याण कर रहे हैं।
स्थापित पूर्णानंद केंद्र में चलता है सतत आध्यात्मिक मार्गदर्शन
स्वामी जी के संकल्प से हैदराबाद के निकट जनवाड़ा क्षेत्र में पूर्णानंद केंद्र की स्थापना की गई। वहाँ स्वामीजी हर पल अपनी कृपा बरसा रहे हैं। वर्षभर यहां अनेक आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। केवल स्थूल रूप में ही आध्यात्मिक वातावरण एवं सुख-सुविधाओं से ही यह स्थान सुसज्जित है। सद्गुरु रमेश और गुरु मां प्रत्येक गुरुवार को हैदराबाद में अपने सत्संग और सान्निध्य से साधकों को लाभांवित करते हैं।
इनके सत्संग में व्यावहारिक ज्ञान ग्रहण करने की क्षमता जगाई जाती है। दैनिक जीवन के उतार-चढ़ावों में भी संतुलित व प्रसन्न रहने के गुर सिखाए जाते हैं। समय-समय पर देश-विदेश में जगत के उद्धार के लिए सत्संग आयोजित किए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष एक आध्यात्मिक तेलुगु में व्यावहारिक ज्ञान पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रत्येक शनिवार को हिन्दी मिलाप समाचार-पत्र में आपके लेख प्रकाशित किए जाते हैं। फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर आप प्रत्येक जिज्ञासु की हर समस्या का सरल और सटीक समाधान देते हैं।
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