हैदराबाद, चुनाव का मौसम बड़ा अजीब होता है। इसमें पार्टी और प्रत्याशी के साथ साथ कई सारे लोगों को आंशिक ही सही रोज़गार मिल जाता है। चुनाव प्रचार के लिए वस्तुओं और व्यक्तियों को किराए पर लेना पड़ता है और उनके खान-पान का प्रबंध भी करना पड़ता है। इन सब पर होने वाले खर्च का हिसाब किताब भी रखना पड़ता है। इस बार के जुबली हिल्स उप चुनाव में आयोग ने चाय 5 रुपये, कॉफी 6 रुपये और छोटे ईरानी समोसे का मूल्य 3 रुपये निर्धारित किया है।
चुनाव आयोग द्वारा जारी मूल्य सूची में कई दिलचस्प चीज़ें मौजूद हैं। जैसे चाय की ही बात करें तो मात्रा के आधार पर इसके तीन प्रकार रखे गये हैं। छोटी कप के लिए 5 रुपये, बड़ी कप के लिए 10 रुपये, हालाँकि शहर में मुश्किल से कहीं पर चाय दस रुपये में उपलब्ध है। सारी होटलों ने चाय का मूल्य 25 रुपये तक कर दिया है, जबकि कुछ होटलों में इससे अधिक ही होगा। हाँ, कुछ बंडियों पर दस रुपये में चाय मिल सकती है, लेकिन इसके लिए ख़ाक छाननी पड़ेगी। 5 रुपये में तो मिलना बहुत कठिन है।
इसी तरह कॉफी 6 रुपये छोटी कप और बड़ी कप के लिए 11 रुपये रखा गया है। इसके लिए तो चराग़ लेकर भी ढूंढने जाएं तो मुश्किल से कोई मिल पाएगा। पानी के पैकेट के लिए 2 रुपये, आलू समोसे के लिए 10 रुपये, वेज बिरयानी के लिए 115 रुपये रखे गये हैं। इडली 1 प्लेट, चार पीस के लिए 20 रुपये रखे गये हैं। 20 रुपये में प्लेट इडली शहर में मिलना शायद ही मुमकिन होगा। मटन और चिकन बिरयानी की दरें 170 और 180 रखी गयी हैं।
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चुनाव प्रचार सामग्री के दैनिक किराए का विवरण
कार्यक्रम में किराए पर लेने वाली वस्तुओं के बारे में बात करें तो चुनाव आयोग ने कुर्सी का किराया 8 रुपये और टेबल का किराया 60 रुपये रखा है। दो बॉक्स के साथ एक माइक सेट के लिए 1200 रुपये दिनभर का किराया निर्धारित किया गया है। टेंट लगाने के लिए 1500 रुपये और लाइटों से सजाने के लिए 1200 रुपये निर्धारित किये गये हैं। फंक्शन हॉल का किराया 6000 रुपये तय किया गया है।
प्रत्याशियों और पार्टियों के लिए जारी की गयी इस सूची में सबसे महंगा अगर कुछ है तो वह लाइट सुविधा के साथ ट्रुस की स्थापना है, जिस पर 35 हज़ार का अनुमाति खर्च रखा गया है। घोड़ा बग्घी के लिए 12000 और मोटर बग्घी के लिए 10 हज़ार रुपये निर्धारित किये गये हैं। चुनाव प्रचार के दौरान जिस चीज़ का भी उपयोग होगा, प्रत्याशी को न केवल उसका हिसाब किताब रखना पड़ेगा, बल्कि उसे चुनाव आयोग के कार्यालय में दाखिल भी करना पड़ेगा। (एफ एम सलीम)
