2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य : मोदी

भुवनेश्वर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया आज भारत की बात ध्यान से सुनती है और देश अपनी विरासत के कारण ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह कह पाता है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में निहित है।

ओड़िशा की राजधानी में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस-2025 सम्मेलन का औपचारिक तौर पर उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि भारत सिर्फ लोकतंत्र की जननी ही नहीं है बल्कि लोकतंत्र हर भारतीय के जीवन का हिस्सा है। उन्होंने कहा, 21वीं सदी का भारत, आज जिस गति से आगे बढ़ रहा है और जिस स्तर पर आज भारत में विकास के काम हो रहे हैं, वह अभूतपूर्व है। भारत की बात को आज दुनिया ध्यान से सुनती है। आज का भारत, अपना पक्ष तो मजबूती से रखता ही है, ग्लोबल साउथ की आवाज को भी पूरी ताकत से उाता है। उन्होंने कहा, हम पूरी ईमानदारी से उस देश की, उस समाज की सेवा करते हैं। इन सबके साथ ही हमारे दिल में भारत भी धड़कता रहता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1947 में भारत की आजादी में प्रवासी भारतीयों ने अहम भूमिका निभाई थी और अब 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने इस लक्ष्य में प्रवासी भारतीय समुदाय से मदद का आह्वान किया।

ग्लोबल साउथ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। मोदी ने कहा कि जब भारत ने अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने का प्रस्ताव रखा तो सभी सदस्यों ने इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा, मानवीयता प्रथम के भाव के साथ, भारत अपनी वैश्विक भूमिका का विस्तार कर रहा है। मोदी ने कहा, दुनिया में जब तलवार के जोर पर साम्राज्य बढ़ाने का दौर था, तब हमारे सम्राट अशोक ने यहाँ (ओड़िशा में) शांति का रास्ता चुना था। हमारी विरासत का यह वही बल है, जिसकी प्रेरणा से आज भारत, दुनिया को कह पाता है कि भविष्य युद्ध में नहीं है, बुद्ध में है। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध, इजराइल और फलस्तीन के बीच संघर्ष और विश्व के कई देशों में हिंसा और अस्थिरता का दौर जारी है। (भाषा)

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