आजीवन अटूट रहे भाई-बहन का प्रेम : विजयलताजी म.सा.

हैदराबाद, जब तक जीवन है, तब तक अटूट रहे बहन भाई का प्रेम। यह प्रेम तब तक बना रहेगा, जब तक है जैन धर्म है।
उक्त उद्गार सिकंदराबाद स्थित मारुति विधि जैन स्थानक साध्वी विजयलताजी म.सा. आदि ठाणा-3 ने चातुर्मास प्रवचन श्रृंखला के अन्तर्गत व्यक्त किए। विजयलताजी म.सा. ने कहा कि आज हम अंत तक संसार के कार्य में लगे रहते हैं। हमारे पुत्र बहज सभी हमारे कर्तव्य को पूर्ण करने में योग्य हैं। फिर भी योग्यता को दबाकर अपना दबदबा बनाते हुए शासन करते हैं। पुराने समय में पुत्र योग्य होते ही पिता अपनी सारी जिम्मेदारी सौंपकर अपने कर्तव्य में लग जाते थे, यानी आत्म ध्यान में लग जाते थे। मनुष्य का भाव उज्ज्वल हो जाए, तो साक्षी रूप में किसी न किसी का सहयोग मिलता है।

म.सा. ने कहा कि आज का राखी पर्व लौकिक है, जबकि यह आध्यात्मिक जगत से निकला है। इसे समय के अनुसार लौकिक पर्व बना दिया गया, जहाँ खाने-पीने का आनंद उठाते हैं, पर त्याग पचखान नहीं करते। आज भाई बहन किसी वस्तु विशेष के लिए ही राखी का पर्व मना रहे हैं। राखी बांधने के बाद भाई की जिम्मेदारी है कि बहन को कोई कष्ट नहीं आएगा और वह हर क्षण रक्षा करेगा। राखी पर्व पर जाप करें और संकल्प लें कि हर प्राणी मात्र की रक्षा करेंगे, तभी यह पर्व सार्थक होगा। सभी एक बात निश्चित करें कि भाई-बहन आपस में झगड़ा नहीं करेंगे, भाई या बहन कोर्ट में न जाए। पैसों को नहीं देखना, बल्कि प्रेम को बिगड़ने न दें। इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहाँ बहन की रक्षा भाई ने की। जो प्रेम, स्नेह नहीं करता, सौदा करता है, व्यवहार बिगाड़ता है, ऐसे भाई के साथ रिश्ता न करें। कोर्ट में जाकर कभी खड़े न हों। पहले अपनी सगी बहन है, जो घर में आपके साथ बड़ी है। पहले उसके साथ प्रेम का रिश्ता अच्छा बनाएँ। झगड़ा न करें। उसके बाद सभी बहन की सुरक्षा करनी है।

म.सा. ने कहा कि ऐसा कोई दिन नहीं होता, जब किसी का जन्म दिन या पुण्यतिथि न हो। ऐसे ही जैन शासन में कई रत्न आये, जिन्होंने जैन शासन, धर्म, त्याग व साधना की प्रेरणा दी। ऐसी ही डॉ. मंजूश्रीजी म.सा. का देवलोकगमन हुआ। साध्वीश्री का स्नेह सभी पर बरसता था और उन्होंने संसार में बहुत कुछ किया। वह बहुत अच्छा भजन गातीं थीं। हम श्रद्धा पूर्वक वंदन करते हुए दिवंगत आत्मा जहाँ कहीं भी, हो मोक्ष को प्राप्त करें, ऐसी कामना कर श्रद्धांजलि व्यक्त करते हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कोषाध्यक्ष विजयराज डूंगरवाल ने आनपूर्वी जाप के अंर्तगत आज सामूहिक जाप रहा। प्रवचन के पश्चात आज रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में सर्वप्रथम नवकार जाप रखा गया। संघपति संपतराज कोठारी ने बताया कि महासाध्वी डॉ. मंजूश्रीजी म.सा. का चातुर्मास सिकंदराबाद संघ में 1978 और 1979 में हुआ था। म.सा. का गत रविवार को देवलोकगमन हुआ। दो लोगस का जाप संघ के स्वगताध्यक्ष कांतिलाल लोढ़ा ने प्रकट किया। अध्यक्ष गौतमचंद गुगलिया ने बताया कि शनिवार, 25 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी पर बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। अवसर पर संघ की ओर से गौतम प्रसादी का आयोजन किया जाएगा। रविवार, 26 अगस्त को कृष्णाष्टमी को सोमगाय के प्रति संवेदना प्रकट करने हेतु सामूहिक आयंबिल अनुष्ठान का आयोजन रहेगा। अधिक से अधिक आयंबिल करने का आग्रह किया गया। आयंबिल की व्यवस्था संघ की ओर से रहेगी।

आज श्रावण शुक्ल पूर्णिमा रक्षाबंधन पर रिश्तों की डोरी भाई बहन की जोड़ी से राखी का कार्पाम रखा गया। आयोजक श्री गुरु गणेश यात्रा संघ द्वारा राखी और थाली की व्यवस्था की गयी। इसमें भाग लेने वाले भाई-बहन की जोड़ी को लाभार्थी परिवार विजयाबाई संपतराज कोठारी की ओर से लक्की ड्रॉ द्वारा द्वितीय पुरस्कार के तहत सात चाँदी के सिक्के तथा प्रथम विजेता को डायमंड नोज पिन दिया गया। अवसर पर अल्पाहार की व्यवस्था संघ की ओर से रखी गई।

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