राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही अपराध की घटनाएं

हैदराबाद, राज्य में महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वर्ष 2020 से सितंबर 2025 तक दर्ज हुए 51,586 मामलों में से आईपीसी की धारा 498(ए) के तहत दहेज प्रताड़ना व घरेलू हिंसा की घटनाओं की अधिकता चिंता का विषय है। दर्ज हुए मामलों में से आधे से अधिक मामले, यानी 26,523 मामलों की जांच पड़ताल अभी भी लंबित है, जो इस बात को दर्शाता है कि कि पीड़ितों को न्याय मिलने में कितनी देरी हो रही है।

वर्ष 2020 में राज्य में जहां 8,077 मामले दर्ज हुए थे, वहीं वर्ष 2021 में यह संख्या बढ़कर दस हज़ार से ज़्यादा (10,218 मामले)हो गई है। यूथ फॉर एंटी-करप्शन के फाउंडर राजेंद्र पलनाटी ने सूचना के अधिकार कानून के जरिए यह बातें सामने लाईं। हालांकि, यह राय जाहिर की जा रही है कि मामले लंबित होने से अपराधियों में कानून का डर कम हो रहा है। एनालिस्ट का कहना है कि इन अपराधों की संख्या तभी कम होगी जब महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कानूनों को सख्ती से लागू किया जाएगा।

छेड़छाड़ और घरेलू हिंसा की घटनाएं चिंता का विषय
दहेज प्रताड़ना के सैकड़ों मामलों के अलावा, दहेज प्रताड़ना (आईपीसी धारा 304-बी) के कारण होने वाली मौतों के मामले भी चिंता का विषय हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले पांच वर्षो में दहेज़ के कारण कुल 604 मौतें हुई हैं। इनमें से वर्ष 2020 के दौरान 180 मौतें हुईं, इसके बाद वर्ष 2021 में 99 मौतें, वर्ष 2022 में 62 मौतें, वर्ष 2023 में 124 मामले और वर्ष 2024 में 58 मामले हुए। सितंबर 2025 में 81 मामले दर्ज किए गए।

गौरतलब है कि सितंबर 2025 तक इस प्रकार के 411 मामले ट्रायल के लिए पेंडिंग रहना निसंदेह यह चिंता का विषय है।राजेंद्र पलनाटी ने पुलिस महानिदेशक कार्यालय में एक आरटीआई एप्लीकेशन फाइल करके जनवरी 2020 से 2025 तक राज्य में दर्ज दहेज़ मामलों, दहेज़ हत्याओं और पेंडिंग मामलों की डिटेल मांगी है।

आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ वर्ष 2020 के दौरान 8,077 मामले दर्ज हुए और 1,518 मामले लंबित है, इसी प्रकार वर्ष 2021 के दौरान 10,219 मामले दर्ज किये गये और 2,212 मामले लंबित है, वर्ष 2022 के दौरान 7,057 मामले दर्ज किये गये और 4,352 मामले लंबित है, वर्ष 2023 के दौरान 9,452 मामले दर्ज किए गए और 6,517 मामले लंबित है, वर्ष 2024 के दौरान 9,741 मामले दर्ज किये गये और 7,706 मामले लंबित है। इस वर्ष सितंबर माह तक 7,040 मामले दर्ज किये गये और 4,208 मामले लंबित है।

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