प्रॉपर्टी विवाद को लेकर भाई की हत्या करने वाले गिरफ्त में
हैदराबाद, मंगलहाट पुलिस ने संपत्ति विवाद के चलते रिश्ते के भाई की हत्या करने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मंगलहाट पुलिस स्टेशन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोशामहल के सहायक पुलिस आयुक्त के. वेंकट रेड्डी, इंस्पेक्टर एम. महेश ने बताया कि नीचे धूलपेट, लाला तालीम के पास सत्यागुलाब रेसिडेन्सी में रहने वाले आर. दुर्गेश सिंह की हत्या के मामले में उसके रिश्ते के भाई लाला तालीम के पास ही रहने वाले ठाकुर बजरंग सिंह (34), आर. तुलजाराम सिंह (36), आर. सत्यनारायण सिंह (32) को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि दुर्गेश निजी स्तर पर लोन भी दिलाया करता था, जबकि मुख्य आरोपी बजरंग सिंह पान शॉप की दुकान, तुलजाराम जीवीके मॉल में सेल्समैन, सत्यनारायण सिंह एएमबी मॉल में यूएस पोलो ब्रैंड का स्टोर मैनेजर है।
उन्होंने बताया कि मृतक के दादा सत्यनारायणा सिंह और हत्यारे बजरंग सिंह के दादा बालाजी सिंह के बीच लंबे समय से संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों ही बंटवारे में कम संपत्ति मिलने का दावा कर एक-दूसरे से खार खाए बैठे थे। इसके अलावा दुर्गेश ने बजरंग सिंह को लोन पर मोटर साइकिल दिलाई थी, जिसकी किश्तें भी वह समय पर नहीं भर रहा था। किश्तों के बारे में पूछने पर बजरंग उल्टा दुर्गेश को ही धमकियां देने लगा था, जिसके बाद से दोनों के बीच झगड़ा चल रहा था। गत 13 अत्तूबर को शाम 7 बजे दुर्गेश सिंह अपने दोस्तों अजय, संदीप और शिवा के साथ जियागुड़ा के बहार रेस्टोरेंट गया था। वहाँ पर बजरंग सिंह, तुलजाराम सिंह ने आकर संपत्ति विवाद को लेकर दुर्गेश को खरीखोटी सुनाई। दुर्गेश ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी। रात करीब 11.30 बजे घर आने के बाद दुर्गेश ने बजरंग, सत्यनारायण की हरकतों के बारे में जानकारी दी।
इसी दौरान बजरंग दुर्गेश के घर पहुंच गया, उसने ललकारते हुए उसे बाहर बुलाया और कॉलर पकड़कर जोर से धक्का दे दिया। दुर्गेश का सिर तेजी से जमीन से टकराने की वजह से वह बेसुध हो गया। उस्मानिया अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दुर्गेश के भाई सुभाष सिंह की शिकायत पर पुलिस ने बजरंग सिंह, तुलजाराम, सत्यनारायण सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करेत हुए आज सुबह उसे गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों के पास से सेलफोन जब्त करते हुए आगे की कार्रवाई के तहत उन्हें चंचलगुड़ा जेल भेज दिया।