निजी अस्पतालों में आरोग्यश्री के अमल पर पेंच
हैदराबाद, निजी अस्पतालों में आरोग्यश्री योजना के अमल को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। एक ओर जहाँ तेलंगाना स्वास्थ्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि निजी अस्पतालों में आरोग्यश्री स्वास्थ्य सेवाएं हमेशा की तरह जारी रहेंगी, वहीं निजी अस्पतालों के संघ ने कहा है कि लम्बे समय से चली आ रही वित्तीय शिकायतों का समाधान होने तक इस योजना के अंतर्गत मरीजों की भर्ती नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि मरीजों को निर्बाध चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। यह घोषणा आरोग्यश्री योजना के तहत निजी अस्पतालों को किये जाने वाले बकाया भुगतान को लेकर उठे सवाल के बाद की गयी।
उल्लेखनीय है कि एक अंग्रेजी अखबार में यह खबर प्रमुख रूप से प्रकाशित किये जाने के बाद कि राज्य सरकार पर आरोग्यश्री नेटवर्क अस्पतालों का लगभग 1,100 करोड़ रुपये बकाया है। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजनरसिम्हा के निर्देश पर आरोग्यश्री के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिव शंकर लोथेटी ने तेलंगाना आरोग्यश्री नेटवर्क अस्पताल संघ (थाना) के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री सी. दामोदर राजानरसिम्हा के निर्देशों पर सीईओ ने अस्पतालों से मरीजों को असुविधा पहुँचाए बिना चिकित्सा सेवाएँ जारी रखने का आग्रह किया। विज्ञप्ति में योजना के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला गया, जिसमें बताया गया कि पिछले वर्ष अस्पतालों को 1,130 करोड़ रुपये वितरित किए गए थे। इसमें लंबित चिकित्सा पैकेजों की दरों में महत्वपूर्ण संशोधन का भी उल्लेख किया गया, जिन्हें 2013 से अपडेट नहीं किया गया था, जिसमें औसत मूल्य वफद्धि 22 प्रतिशत थी।
उल्लेखनीय है कि तेलंगाना आरोग्यश्री नेटवर्क हॉस्पिटल्स असोसिएशन ने घोषणा की है कि सरकार द्वारा बकाया 1,100 करोड़ रुपये का भुगतान ना किये जाने के कारण 10 जनवरी से आरोग्यश्री स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। तन्हा के अध्यक्ष वी. राकेश ने बताया कि राज्यभर में आरोग्यश्री सेवाओं को बनाए रखने के लिए औसत 100 करोड़ रुपये का मासिक खर्च उठाया जाता है। हालाँकि, पिछले 11 महीनों से इस रकम का भुगतान नहीं किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप कुल 1,100 करोड़ का बकाया है। उन्होंने कहा, भुगतान, जो मूल रूप से 45 दिन के अंदर पूरा होने वाला था, अब 300 दिन से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन रकम का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अस्पताल 11 महीने से अधिक समय से खुद ही लागत वहन कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अस्थिर हो गई है। हमनें बारöबार राज्य सरकार और आरोग्यश्री ट्रस्ट से नामांकन जारी करने की मांग की है, लेकिन हमारी प्रतिबद्धता के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। डॉ. राकेश ने कहा, परिणामस्वरूप, हमारे पास पासपोर्ट के अलावा कोई विकल्प नहीं है।