150 से अधिक वर्षों से लागू कानून खत्म करेंगे ट्रंप

खतरे में नागरिकता

खतरे में नागरिकता

वाशिंगटन, डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार शपथ लेने के बाद कई शासकीय आदेश पर दस्तखत किए। इसमें कैपिटल हिल हिंसा के दोषियों को माफी देने के साथ-साथ पेरिस जलवायु समझौते और विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को बाहर करने का फैसला भी शामिल है। इसके साथ ही ट्रंप ने एक ऐसे कार्यकारी आदेश पर भी हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करना है। यह ऐसी नीति है जो अमेरिका में 150 से अधिक वर्षों से लागू है।

राष्ट्रपति ट्रंप का यह फैसला अमेरिकी आव्रजन नीति में एक बड़े बदलाव को दर्शाता है। इसका असर वैसे लाखों बच्चों की नागरिकता पर पड़ेगा, जिनका जन्म अमेरिका में हुआ हो और उस दौरान उनके माता-पिता वर्क वीजा पर वहाँ रह रहे हों या कुछ ऐसे माता-पिता जो अपने बच्चों को जन्म देने के लिए ही अमेरिका में प्रवास कर रहे हों। इस तरह की यात्रा को बर्थ टूरिज्म कहा जाता है और लंबे समय से अमेरिका में बढ़ते बर्थ टूरिज्म की आलोचना होती रही है।

अमेरिकी संविधान अपने 14वें संशोधन के आधार पर उन सभी को जन्मसिद्ध नागरिकता की गारंटी देता है, जिसका जन्म अमेरिकी धरती पर हुआ हो। चाहे जन्म लेने वाले बच्चे के माता-पिता की नागरिकता कहीं की हो या उसका माइग्रेशन स्टेटस वैध हो या अवैध हो। बिना इन स्थितियों की परवाह किए बिना अमेरिकी धरती पर जन्म लेने वाले हरेक बच्चे को अमेरिकी नागरिकता का अधिकार देने का यह प्रावधान 1868 में अधिनियमित किया गया था। इस प्रावधान का उद्देश्य संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे सभी व्यक्तियों को नागरिकता देने के लिए डिजाइन किया गया था। खासकर गृहयुद्ध के बाद पूर्व दासों की दशा को सुधारने के लिए अमेरिकी संविधान में 14वां संशोधन किया गया था। इस अधिकार ने लाखों लोगों को अमेरिकी नागरिकता दी है। इनमें अवैध अप्रवासियों के बच्चे भी शामिल हैं।

ट्रंप के नए कार्यकारी आदेश में ऐसी नागरिकता को खत्म करने का कदम उठाया गया है। आदेश में कहा गया है कि अमेरिका में जन्मे उन्हीं बच्चों को जन्मसिद्ध नागरिकता दी जाएगी जिनके माता-पिता में से कोई एक अमेरिकी नागरिक हों या उनमें से किसी एक के पास कानूनी स्थायी निवासी का प्रमाण यानी ग्रीन कार्ड धारक हों या अमेरिकी सेना के सदस्य हों। ट्रंप के इस आदेश को अवैध आव्रजन या बर्थ टूरिज्म पर अंकुश लगाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। इस आदेश से भारतीय और चीनी समुदाय पर खासा असर पड़ने वाला है क्योंकि इन दोनों देशों के प्रवासी बड़ी संख्या में अमेरिका में रहते हैं और वहां उनके बच्चे जन्म लेते हैं। अब ट्रंप के आदेश से उन पेशेवर माता-पिता से पैदा हुए बच्चों की जन्मसिद्ध नागरिकता समाप्त हो जाएगी जो अस्थायी कार्य वीजा यानी एच-1 बी वीजा पर वहां रह रहे हैं और ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय तेजी से बढ़ता अप्रवासी समुदाय है। अमेरिकी जनगणना के अनुसार अमेरिका में 48 लाख से अधिक भारतीय अमेरिकी रहते हैं, जिनमें एक बड़ा हिस्सा उन लोगों का है, जिन्हें जन्मसिद्ध नागरिकता मिली हुई है।(एजेंसियाँ)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button