अनारक्षित कोच से सफलता की ओर भारतीय महिला क्रिकेट टीम : रंगास्वामी
नवी मुंबई, अनारक्षित ट्रेन कोच में यात्रा करने से लेकर डॉरमेट्री के फर्श पर सोने तक भारतीय महिला क्रिकेट ने एक लंबा सफर तय किया है, कभी सुविधाओं और सामान्य उपकरणों की कमी झेलने वाली यह टीम अब इतिहास रचने से एक कदम दूर खड़ी है। भारतीय टीम 1998 और 2017 के फाइनल में दो बार बदकिस्मत रही और तीसरी बार महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंची है।
टीम रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला विश्व कप खिताब जीतने की कोशिश कर रही है। इस मुकाबले की पूर्व संध्या पर पूर्व कप्तान, कमेंटेटर और प्रबंधक शांता रंगास्वामी ने कहा कि हरमनप्रीत कौर की टीम अपना पहला खिताब जीतने की हकदार है। रंगास्वामी ने पीटीआई से कहा कि अनारक्षित कोच में यात्रा करने से लेकर डॉरमेट्री में फर्श पर सोने तक, हमें अपना बिस्तर भी खुद ही ले जाना पड़ता था, ऐसी ही चीजें थीं। हमारे पास क्रिकेट किट बैकपैक की तरह पीठ पर होती थी और एक हाथ में सूटकेस होता था।
यह भी पढ़े : महिला वनडे विश्व कप : भारत को पहली जीत की उम्मीद
रंगास्वामी ने कहा कि लेकिन अब, हम बहुत खुश हैं कि मौजूदा खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं मिल रही हैं। वे इसकी हकदार हैं और इसका सबूत सामने है। लड़कियों की सभी कोशिशों का नतीजा अब दिख रहा है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड, राज्य संघों ने महिला क्रिकेट की सफलता में योगदान दिया है। रंगास्वामी ने कहा कि जो नींव हमने तब लगभग 50 साल पहले रखी थी, उसका फल अब मिल रहा है। (भाषा)
अब आपके लिए डेली हिंदी मिलाप द्वारा हर दिन ताज़ा समाचार और सूचनाओं की जानकारी के लिए हमारे सोशल मीडिया हैंडल की सेवाएं प्रस्तुत हैं। हमें फॉलो करने के लिए लिए Facebook , Instagram और Twitter पर क्लिक करें।





