
हैदराबाद, एक ओर जहाँ इंजीनियरिंग और अन्य व्यावसायिक कॉलेजों के बकाया शुल्क प्रतिपूर्ति को लेकर तेलंगाना उच्च संस्थानों के संघों के महासंघ द्वारा आगामी 3 नवंबर से बंद करने की धमकी दी है, दूसरी ओर राज्य सरकार ने इन संस्थानों में सतर्कता निरीक्षण के आदेश दिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (पीएमएस) के तहत आने वाले सभी इंजीनियरिंग और अन्य व्यावसायिक संस्थानों में सतर्कता निरीक्षण का आदेश दिया गया। सरकार द्वारा यह निर्णय उन सूचनाओं के आधार पर लिया गयाI
कॉलेजों की मान्यता और संबद्धता दस्तावेज़ों की जांच की जाए
जिनमें बताया गया था कि कई निजी शिक्षण संस्थान कथित तौर पर ट्यूशन शुल्क प्रतिपूर्ति तथा रखरखाव शुल्क योजनाओं के तहत जारी धनराशि के दुरुपयोग और अनियमितताओं में शामिल हैं। इसके तहत सरकार ने सतर्कता विभाग को यह जाँच करने को कहा कि इंजीनियरिंग, फार्मेसी और बीएड सहित कॉलेज निर्धारित मानकों के अनुसार काम कर रहे हैं या नहीं। इसके साथ छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों की अर्हता और उनकी प्रवेश प्रक्रिया क्या है। इसके अलावा विभाग को यह भी जाँच करने का काम सौंपा गया कि प्रतिपूर्ति प्राप्त करने वाले छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए न्यूनतम उपस्थिति तथा उनका शैक्षणिक प्रदर्शन संतोषजनक है अथवा नहीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जाँच में मानदंडों के अनुसार शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों, कक्षाओं, फर्नीचर, प्रयोगशालाओं और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे तथा सुविधाओं की आवश्यकता भी शामिल है। सरकार द्वारा संबंधित अधिकारियों को निरीक्षण करते हुए विशिष्ट सिफारिशों के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। उल्लेखनीय है कि तेलंगाना उच्च संस्थान संघों का महासंघ राज्य सरकार से 1 नवंबर तक 900 करोड़ रुपये का शुल्क बकाया जारी करने की माँग कर रहा है।
