किसानों के कर्ज माफ करना कांग्रेस का ऐतिहासिक व साहसिक कदम : कोदंडराम
हैदराबाद, हाल के समय गवर्नर कोटा के अंतर्गत विधान परिषद सदस्य की शपथ ले चुके तेलंगाना जन समिति (तेजस) अध्यक्ष परेफेसर कोदंडराम ने किसान ऋण माफी योजना को लेकर मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी सरकार के कदम को ऐतिहासिक बताया और कहा कि भारी कर्ज में डूबे राज्य में किसानों के हित में इतना बड़ा कदम उठाया जाना अवश्य ही साहसिक है और किसान भी खुश हैं।
विधान परिषद सदस्य परेफेसर कोदंडराम ने मीडिया के साथ औपचारिक बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि मनमाने निर्णय लेकर तेलंगाना को कर्ज में डुबोने वाले जिन्होंने किसानों के कर्ज तक माफ नहीं किए उन्हें कर्ज माफी योजना पर बोलने का अधिकार ही कहाँ है। उन्होंने कर्ज माफी योजना अमल में लाने को लेकर कांग्रेस सरकार को विफल ठहराते हुए विरोध स्वरूप राज्यभर में भारत राष्ट्र समिति (भारास) द्वारा किए गए आंदोलन को राजनीतिक स्वार्थ के चलते किसानों को उकसाकर गुमराह करने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के कर्ज माफ नहीं हुए हैं उनकी समस्या का भी जल्द ही परिष्कार हो जाएगा इसको लेकर किसान चिंता न करें। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2016 से 12 लाख राशन कार्ड लंबित हैं। पूर्व सरकार यदि राशन कार्ड जारी करती तो आज समस्या नहीं होती। राज्य में बिजली क्षेत्र पिछली सरकार के कारण संकट में है, फोन टैपिंग करके अधिकारियों को मुट्ठी में कैद करने वाले आज नीतियों का ज्ञान देने चले हैं।
पूर्व केसीआर सरकार द्वारा जिलों का गठन किए जाने तथा जोन बनाए जाने पर भी सवालिया निशान लगाते हुए परेफेसर कोदंडराम ने कहा कि इस मामले में मनमाने व अविवेकपूर्ण निर्णय लेकर कई समस्याएं खड़ी कर दी गई हैं। अब कांग्रेस सरकार को पिछली सरकार के किए गए गलत फैसलों से उलझी गुत्थियों को सुलझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। उन्होंने वरंगल और सिद्दिपेट का उदाहरण दिया और कहा कि वरंगल और हनमकोंडा को मिलाने की मांग हो रही है वहीं सिद्दिपेट को मेदक में शामिल कर दिया गया जिससे जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि यदि पूर्व केसीआर सरकार का कच्चा चिट्ठा बाहर किया गया तो बीआरएस को जवाब तक देना मुश्किल हो जाएगा। एससी वर्गीकरण का संपूर्ण समर्थन करते हुए परेफेसर कोदंडराम ने कहा कि तेलंगाना आंदोलन के समय से ही वे इसका समर्थन करते आ रहे हैं इसके लिए सरकार को कमेटी का गठन करके सुप्रीम कोर्ट के निर्णयानुसार तर्क संगत निर्णय लेना चाहिए
हिमायत सागर जलाशय के बफर जोन में कथित फार्महाउस को लेकर उठे विवाद पर केटीआर द्वारा फार्महाउस दोस्त का है और लीज पर लेने की बात कहे जाने पर बरसे परेफेसर कोदंडराम ने कहा कि 10 सालों तक नागरिक प्रशासन मंत्री रहे केटीआर को मित्र का अवैध फार्महाउस लीज पर लेने से पहले क्या पता नहीं था कि वह अवैध है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद डिजास्टर रेस्पांस एंड एसेट्स परेटेक्शन एजेंसी (हैद्रा) द्वारा हिमायतसागर जलाशय के बफर जोन में किए गए अवैध निर्माणों को ढहाए जाने का विरोध कर रहे केटीआर 10 सालों तक मंत्री रहे थे फिर क्यों अवैध निर्माणों को अनुमतियां दीं इसका जवाब दें। उन्होंने कहा कि तालाबों व बफर जोन के क्षेत्रों को बचाने के कदम क्यों तत्कालीन म्युनिसिपल मंत्री के रूप में राव ने नहीं उठाए, क्यों कब्जे होने दिए गए।
सचिवालय के समक्ष पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा स्थापित किए जाने को लेकर विवाद तथा बीआरएस के सत्ता में आने पर प्रतिमा को हटाने की दी गई चेतावनी को गलत ठहराते हुए एमएलसी परेफेसर कोदंडराम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा स्थापित करने में गलत क्या है। उन्होंने कहा कि सरकार तेलंगाना तल्ली की प्रतिमा को सचिवालय के भीतर स्थापित करना चाह रही है इसमें किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। जब उनसे पूछा गया कि राजीव गांधी ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री टी. अंजय्या का अपमान किया था तो कोदंडराम ने कहा कि टी. अंजय्या ने कांग्रेस छोडी नहीं थी वह पार्टी में बने हुए थे और यह कांग्रेस का आंतरिक मुद्दा है इसमें बीआरएस की दखलअंदाजी कैसे हो सकती है। एमएलसी परेफेसर कोदंडराम को मंत्री मंडल में जगह दिए जाने के बारे में पूछने पर बोले इसपर अभी कोई चर्चा नहीं है लेकिन कांग्रेस ने सरकार में भागीदारी देने का आश्वासन दिया था और उसी के अंतर्गत एमएलसी पद दिया गया अभी कुछ नामिनेटेड पद भी दिए जाने बाकि हैं। उन्होंने स्थानीय निकाय चुनाव में उनकी पार्टी तेजस के उतरने को लेकर पूछे गए प्रश्न पर परेफेसर ने कहा कि पार्टी में चर्चा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा क्योंकि वर्तमान धनबल की राजनीति के समय क्या तेजस चुनावों का सामना कर पाएगी, इस पर विचार करना होगा।