शीत सत्र में पेश होगा वक्फ बोर्ड संसोधन बिल : कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी
हैदराबाद, लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सचेतक (व्हिप) डॉ. कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने चेवेल्ला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में वक्फ के नाम पर भूमियों को कब्जाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि 300 साल पहले मर चुके औरंगजेब के मुंह जबानी दिए गए आदेशों का हवाला देकर आज भी कोर्ट को धता बताकर भूमियां कब्जा की जा रही हैं और इसका पाप कांग्रेस द्वारा वर्ष 1995 में लाया गया वक्फ एक्ट है जिससे कब्जेदारों की हिम्मत बढ़ी हुई है।
भाजपा मुख्यालय श्यामाप्रसाद मुखर्जी भवन में भाजपा सांसद कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने मीडिया को संबोधित करते हुए चेवेल्ला लोकसभा में आने वाले गुट्टला बेगमपेट में 90 एकड़ भूमि पर वक्फ का दावा ठोककर कब्जाए जाने की जानकारी दी और कहा कि पीड़ित प्लॉट ओनर्स के पास 107 साल पुराने दस्तावेज हैं और पोजिशन पर भी हैं तथा वर्ष 1988 से निचली अदालत, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में केस जीतते आ रहे हैं लेकिन कांग्रेस के लाए गए वक्फ एक्ट के कारण कब्जेदारों की हम्मत बढ़ी हुई है। उन्होंने कहा कि इन सबकी एक ही दवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन बिल एकमात्र है। उन्होंने कहा कि इसी संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया जाएगा और पास होगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन बिल पेश किया जाएगा और पारित भी होगा। इसे कोई रोक नहीं पाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह वक्फ संशोधन बिल मुसलमानों के खिलाफ हरगिज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 300 साल पहले मर चुके औरंगजेब का कानून आज भी चेवेल्ला लोकसभा में जारी है जबकि औरंगजेब ने मुंह जबानी जो आदेश दिए भी होंगे, उनको लेकर भूमियों पर वक्फ का दावा ठोका जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश होने के बावजूद प्लॉटों पर कब्जा करके कब्जेदार बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लाया गया देश में जो वक्फ एक्ट है वह एक क्रूर हास्यास्पद एक्ट है। इस वक्फ की नीति को देखकर हंसें या रोएं, समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टीकरण की नीति के चलते संविधान के विरुद्ध तथा धर्मनिरपेक्षता की भावना के खिलाफ वर्ष 1995 में वक्फ एक्ट बनाया था जिसे सुप्रीम कोर्ट से अधिक अधिकार दे दिए गए हैं जिसके चलते हर वर्ग परेशान है।
भाजपा सांसद कोंडा विश्वेश्वर ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का नाम नहीं लिया और परोक्ष रूप से कहा कि देश में संविधान व लोकतंत्र पर हमला किए जाने का हवाला देकर एक दाढ़ी वाला लाल किताब हाथों में लिए संविधान की दुहाई देते घूम रहा है जिसके सारे पन्ने कोरे दिखाई देंगे। वह कहता है सामाजिक न्याय व कल्याण के लिए जातिगत जनगणना करेंगे लेकिन बताएं कांग्रेस शासित प्रदेशों में कितने मुख्यमंत्री, मंत्री एससी, एसटी, बीसी हैं। उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का नाम लिया और कहा कि इनमें एक भी एससी, एसटी, बीसी सदस्य नहीं है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए आज एससी, एसटी, बीसी पर कपट प्रेम उंडेल रही कांग्रेस ने इन वर्गों का केवल उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने स्वयं कहा था कि नो प्रमोशन ऑफ इडिएट्स इन द नेम ऑफ रिजर्वेशन्स। यदि आज कोई यह बात कहता तो उसका मुंह तोड़ दिया जाता लेकिन तब कांग्रेस की सत्ता थी, अहंकार था, इसलिए मनमाने बोल गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से ही संविधान को सामने रखकर संविधान की कबर बनाई है और सेक्युलरिज्म की प्रेरणा को दफन किया है। उन्होंने नाम लिए बिना राहुल गांधी से प्रश्न किया कि कांग्रेस का राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन है इसमें कितने सदस्य एससी, एसटी व बीसी समाज से हैं बताएं? उन्होंने कहा कि आज एससी, एसटी, बीसी पर कपट प्रेम उंडेल रही कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के लिए जातिगत जनगणना की बात कर रही है।
सांसद कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस और बीआरएस का बस चले तो मुसलमानों के वोटों की खातिर देश को भी बेच डालेंगे। उन्होंने कहा कि गुट्टला बेगमपेट के पास वर्ष 2015 में हाईकोर्ट के आर्डर के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पूर्व मंत्री महमूद अली को भेजकर जबरन मस्जिद बनवाई थी जिसका मामला आज भी कोर्ट में है। उन्होंने मजलिस प्रमुख व सांसद असदुद्दीन औवैसी का नाम लेते हुए कहा कि असदुद्दीन ने वक्फ बोर्ड की तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (तितिदे) से तुलना की है जबकि तितिदे का संबंध धर्म व मंदिर से है। उन्होंने कहा कि वक्फ का संबंध मुस्लिम समाज से है। मुस्लिम धर्म से नहीं है इसलिए दोनों में कोई तुलना नहीं है। अवसर पर पूर्व विधायक रत्नम, श्रीरामुलू, तोक्कला श्रीनिवास रेड्डी, मल्लेश यादव, प्रभाकर रेड्डी आदि उपस्थित थे।