आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेत पत्र के जरिए जनता के सामने ही रखेंगे तथ्य : भट्टी विक्रमार्का

हैदराबाद, उप-मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्तासीन होने के बाद राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेत पत्र के जरिए जनता के सामने तथ्य रखे। उन्होंने पिछली बीआरएस सरकार पर राज्य की आर्थिक स्थिति और कर्जों पर जनता को गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार कभी भी ऐसा नहीं करेगी। भविष्य में भी सरकार जनता के सभी तथ्य रखेगी।

उन्होंने विधानसभा में आज राज्य के ऋणों पर पाँच घंटे तक हुई लघु चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कभी भी वह कर्जों को कम करके नहीं दिखाएँगे। बजट में भी तथ्य ही दिया गया। उन्होंने कहा कि उनके प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले बीआरएस सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य पर 6.71 लाख करोड़ का ऋण बोझ पड़ने की बात श्वेत पत्र के माध्यम से जनता के सामने रखी गयी। उन्होंने एफआरबीएम ऋण आदि की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि पिछली सरकार द्वारा लिये गये ऋणों का पुनर्भुगतान करने के साथ राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए कई कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह पिछली सरकार की तरह बेरोजगार युवाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इसी प्रकार सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को प्रति माह 1 तारीख को वेतन व पेंशन दे रहे हैं। रैतु भरोसा के लिए 7,628 करोड़, फसल ऋण माफी के लिए 20,615 करोड़ दिए गए।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार से संबंधित राजीव आरोग्यश्री के 890 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान किया गया। उन्होंने छह गारंटियों को लागू करने का दावा करते हुए कहा कि महालक्ष्मी योजना के तहत एलपीजी सब्सिडी के तहत 500 रुपये दर पर रसोई गैस सिलेंडर दे रहे हैं। इस योजना के लिए नागरिक आपूर्ति विभाग को 442 करोड़ रुपये दिए गए। आरटीसी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा के लिए आरटीसी को 1,376 करोड़ रुपये दिए गए। इसी प्रकार 200 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के लिए प्रति माह 1,234 करोड़ खर्च कर रहे हैं। खेती को निशुल्क बिजली के लिए 11,141 करोड़ खर्च किए गए। किसान बीमा योजना के लिए 1,514 करोड़ का भुगतान किया गया। सब्सिडी चावल के लिए 1,647 करोड़ खर्च किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हरीश राव ने ऋणों को लेकर सदन को गलत जानकारी देकर जनता को गुमराह किया। विशेषाधिकार हनन नोटिस देने वाली बीआरएस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि विगत में और अब हरीश राव द्वारा सदन और जनता को गलत जानकारी देने की बात अब साबित हो चुकी है।

इससे पूर्व चर्चा में भाग लेते हुए बीआरएस सदस्य हरीश राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने पहले वर्ष के कार्यकाल में 1.27 लाख करोड़ का ऋण लिया। इसके हिसाब से अगर अगले चार वर्ष भी ऋण लेगी, तो 6 लाख करोड़ से अधिक ऋण होंगे। उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार ने कांग्रेस को 1,700 करोड़ बचत बजट से पिछले वर्ष सत्ता सौंपी। उन्होंने आरोप लगाया कि एकीकृत आंध्र-प्रदेश से विरासत के रूप में प्राप्त 72 हजार करोड़, विभिन्न निगमों को दिये गये 15 हजार करोड़ की गारंटी और कांग्रेस सरकार द्वारा दिसंबर, 2023 से मार्च, 2024 तक लिये गये 15,118 करोड़ ऋण बीआरएस सरकार के खाते में डाल दिये गये। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीआरएस सरकार ने अपने कार्यकाल में 6.71 लाख करोड़ नहीं, बल्कि 4.17 लाख करोड़ का ऋण लिया। कांग्रेस पार्टी ने पहले से बीआरएस सरकार पर 6.71 लाख करोड़ ऋण लेने का गलत प्रचार कर जनता को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार ने अपने कार्यकाल में किसानों को विभिन्न योजनाओं के जरिए कुल 4.08 लाख करोड़ रुपये दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की गलतियों के खिलाफ आवाज उठाने पर अवैध मामले दर्ज करने का प्रयास किया जा रहा है।

बीजेपी नेता महेश्वर रेड्डी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार पिछली बीआरएस सरकार के पद चिह्नों पर बढ़ रही है। रेवंत रेड्डी सरकार एफआरबीएम कानून का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने पहले वर्ष में ही 1.27 लाख करोड़ लेने को लेकर जनता को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार राज्य को ऋणों के दल दल में धकेल रही है। उन्होंने कहा कि जनता को यह जानकारी देनी चाहिए कि लिये गये ऋणों का किस पर खर्च किया जा रहा है। उन्होंने अपनी परिधि को पार कर ऋण न लेने का सुझाव देते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर ऋण लेने पर भी छह गारंटियों को लागू नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार कम से कम छह गारंटियों को कानूनी दर्जा नहीं दे पा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार से राज्य को पिछले दस वर्षों के दौरान 6.81लाख करोड़ से अधिक निधियाँ मिल चुकी हैं।

भाकपा सदस्य कूनमानेनी सांबशिवराव ने सरकार से यह बताने की माँग की कि लिये जा रहे हजारों करोड़ों के ऋण का पुनर्भुगतान कैसे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सदन में सत्तापक्ष व विपक्ष एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, लेकिन देश में दक्षिण राज्यों से केंद्र को मिलने वाले निधियाँ वापस नहीं मिल रही है। केंद्र सरकार से निधियों को प्राप्त करने के लिए सभी दलों को मिलकर संघर्ष करने की आवश्यकता है।

मजलिस पक्ष के नेता अकरुद्दीन ओवैसी ने राज्य सरकार से आर्थिक स्थिति के बारे में तथ्य बताने की माँग की। उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार की तरह गलतियाँ करेंगे, तो कांग्रेस को भी आने वाले दिनों में जनता सबक सिखाएगी। अगर ऐसा ही होगा, तो तीसरा पक्ष सत्ता में आएगा। तीसरा पक्ष सत्तासीन होगा, तो आपके (कांग्रेस) लिए, उनके (बीआरएस) लिए और मेरे लिए भी अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कांग्रेस सरकार को छह गारंटी लागू करने की सलाह दी।

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