मराठी साहित्य परिषद का ‘एक मिसळ अशीही’ कार्यक्रम
हैदराबाद, मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा मिलने के सम्मान में मराठी साहित्य परिषद, तेलंगाना द्वारा मराठी साहित्य कट्टा के सहयोग से महाराष्ट्र की लोककला पर आधारित मनोरंजक कार्यक्रम एक मिसळ अशीही का आयोजन तेलंगाना साहित्य परिषद हॉल में किया गया। विशेष कार्यक्रम में महाराष्ट्र की लोकपरम्परा से जुड़ी विभिन्न मंचीय प्रस्तुति सरस्वती वंदना, नांदी, भारूड़, लावणी, गोंधल, लोकनाट्य, पोवाडा आदि प्रस्तुत किये गए।
आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मराठी साहित्य परिषद प्रति वर्ष डॉ. द. पि. पुंडे की माता की स्मृति मे वाचक पुरस्कार प्रदान करती है। इस वर्ष श्रीकांत आठवले, श्रीकृष्ण चिकाटे, मेघा देशपांडे और डॉ. पुष्कर कुलकर्णी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसमें प्रस्तुत किये गए विविध कार्यक्रमों का लेखन वेंकटेश कुलकर्णी (नांदी), प्रकाश धर्म (भारूड़), प्रवीण कावडकर (लोकनाट्य एवं गोंधल), संगीता तांबे (पोवाडा), अवधूत कुलकर्णी (माता का गोंधल), ऋत्विक फाटक (लावणी), सुमित पांडे और प्रीति पांडे (लघु नाटिका) ने किया। सूत्र संचालन अवधूत कुलकर्णी, अभिलाषा कुलकर्णी और उज्ज्वला धर्म ने किया। प्रकाश योजना और संगीत संयोजन नितिन बसरूर का रहा।
कार्यक्रम में अर्चना अचलेरकर, संदीप केलकर, वैशाली केलकर, सुप्रिया आगाशे, मंजिरी जावलेकर, अदिति पांगारकर, शीतल पाटिल, उत्कर्षा खड़के, मयूरा दातार, मंदार फाटक, मेघना चाफलकर, कीर्ति जोशी देशपांडे, शुभांगी कुलकर्णी, रश्मि नेमीवन्त, पुष्कर कुलकर्णी, दिलीप सलगरकर, प्रकाश फड़निस, प्रकाश धर्म, अदिति खांडेकर, सुमन वासिरेड्डी, अश्विनी राव व अन्य कलाकारों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में अरुण डवलेकर, शुभदा नितिन, कविता वारके, मृणाल राव, श्रुति काकड़े, अस्मिता काले, सूरज मेश्राम, तृप्ति आगाशे आदि का योगदान रहा। सभी सहभागियों को परिषद की अध्यक्ष डॉ. विद्या देवधर ने सम्मानित किया।