हैदराबाद, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने लगचर्ला घटना को लेकर पुलिस द्वारा अपनी मनमर्जी के अनुसार दर्ज किए गए तीन एफआईआर को लेकर तीव्र असंतोष जताया। अदालत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि पुलिस का यह व्यवहार ठीक नहीं है, क्योंकि एक बार पुलिस ने शिकायत के आधार पर, दूसरी बार किसानों के बयान के आधार पर और एक बार अन्य आरोपियों के बयान के आधार पर तीन-तीन एफआईआर दर्ज किए हैं। एक ही घटना को लेकर तीन एफआईआर दर्ज करने की आवश्यकता क्यों आन पड़ी, अदालत ने यह सवाल भी उठाया। एक घटना में शामिल आरोपी को पुन दूसरे एफआईआर के नाम पर आरोपी करार दिया जा रहा है। अदालत ने पुलिस से कहा कि वर्तमान समय तक कितने लोगों का बयान लिया गया और बयान देने वालों ने क्या बयान दिया, इसका पूर्ण विवरण देने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 28 फरवरी तक स्थगित कर दी। गौरतलब है कि गत 11 नवंबर को फार्मासिटी के निर्माण हेतु किसानों की राय जानने के दौरान किसानों ने विरोध जताते हुए अधिकारियों पर हमला किया। इस घटना को लेकर पुलिस ने एफआईआर नं. 153, 154 और 155 दर्ज किया।
तीन एफआईआर दर्ज करने को अनुचित बताते हुए पवार नायक समेत पाँच किसानों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इस याचिका पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस के. लक्ष्मण ने आज पुन सुनवाई करते हुए तीन एफआईआर दर्ज करने पर असंतोष जताते हुए मामले को लेकर गवाहों द्वारा लिए गए बयान का विवरण देने के पुलिस को आदेश जारी किए।