एपी सिंचाई प्रॉजेक्ट के खिलाफ जाएँगे सुप्रीम कोर्ट : उत्तम कुमार रेड्डी

हैदराबाद, सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि राज्य सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित दो प्रमुख नदी जोड़ो परियोजनाओं-गोदावरी-बनकाचेरला लिंक योजना और रायलसीमा लिफ्ट सिंचाई योजना के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने का निर्णय लिया है। उत्तम ने आज यहां जलसौधा में अधिकारियों के साथ आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया।

उन्होंने कहा कि दोनों योजनाएं स्थापित जल साझाकरण समझौतों का उल्लंघन करती हैं और तेलंगाना की सिंचाई परियोजनाओं व पेयजल आवश्यकताओं के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं। मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश द्वारा उचित नियामक प्राधिकरणों से मंजूरी लिए बिना ही इन परियोजनाओं को एकतरफा रूप से शुरू किया जा रहा है।

गोदावरी परियोजना पर कानूनी रणनीति और सुरक्षा चिंताएं

उन्होंने बताया कि कानूनी तैयारी के हिस्से के रूप में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने की रणनीति तैयार करने के लिए जल्द ही कानूनी विशेषज्ञों, सिंचाई विभाग के स्थायी वकीलों और महाधिवक्ता के साथ विशेष बैठक बुलाई जाएगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि गोदावरी और कृष्णा नदी के पानी में अपने उचित हिस्से की रक्षा के लिए अदालत में इन योजनाओं का मजबूती से विरोध किया जाएगा। गोदावरी-बनकाचेरला लिंक योजना आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित विशाल परियोजना है, जिसकी अनुमानित लागत 80,112 करोड़ रुपये है। इस योजना में पोलावरम में गोदावरी नदी से 200 टीएमसी पानी को बोल्लापल्ली जलाशय और बनकाचेरला हेड रेगुलेटर के माध्यम से रायलसीमा के लिए मोड़ना शामिल है।

प्रस्ताव में गोदावरी, कृष्णा और पेन्ना नदियों को आपस में जोड़ने का प्रयास शामिल है। मंत्री ने कहा कि यह परियोजना सीधे तौर पर 1980 के गोदावरी जल विवाद न्यायाधिकरण अवार्ड और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम का उल्लंघन करती है। इसके अलावा मंत्री ने गोदावरी नदी के किनारे स्थित प्रमुख मंदिर शहर भद्राचलम की सुरक्षा के बारे में भी चिंता जताई।

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उन्होंने कहा कि पोलावरम से रायलसीमा तक बाढ़ के पानी को बड़े पैमाने पर मोड़ने से मंदिर शहर को खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार भद्राचलम के चारों ओर एक सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए केंद्रीय सहायता मांगेगी, ताकि शहर को भविष्य में बाढ़ के खतरों से बचाया जा सके।

यह भी पढ़ें… बारीक चावल वितरण का निर्णय क्रांतिकारी : उत्तम कुमार रेड्डी

बारीक चावल आपूर्ति को लेकर की गई चर्चा

नागरिक आपूर्ति मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि राज्य में जनता ने मोटे चावल खाना बंद कर दिया है, इसलिए सरकार ने 84 प्रतिशत आबादी को मुफ्त में बारीक चावल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इसके परिणामस्वरूप 84 प्रतिशत आबादी की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो गई है। उत्तम ने आज सचिवालय से राज्य सरकार की मुख्य सचिव शांति कुमारी के साथ मिलकर राशन दुकानों को बारीक चावल की आपूर्ति पर जिलाधीशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की।

मंत्री ने अधिकारियों को राशन दुकानों को बारीक चावल की आपूर्ति में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने जिलाधीशों को बारीक चावल के परिवहन पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश देते हुए सुझाव दिया कि जिला स्तर पर भी जनप्रतिनिधियों, जिलाधीशों और अन्य उच्च अधिकारियों को गरीबों के साथ मिलकर सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे बारीक चावल का भोजन करना चाहिए। उत्तम ने आगे कहा कि खाद्य सुरक्षा कार्ड धारकों को 13 हजार करोड़ रुपये की लागत से 30 लाख मीट्रिक टन बारीक चावल निशुल्क वितरित किया जा रहा है।

अवसर पर सरकार की मुख्य सचिव ने बताया कि राज्यभर में बारीक चावल वितरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक शुरू किया गया है। बारीक चावल वितरण के कारण राशन की दुकानों पर मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राशन की दुकानों पर आवश्यक मात्रा में बारीक चावल का भंडारण करने इसके परिवहन में तेजी लाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि बैगों की कमी है तो इसे तुरंत सरकार के ध्यान में लाया जाए। इसके समाधान के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने नये खाद्य सुरक्षा कार्ड आवेदनों की जांच प्रक्रिया शीघ्रता से पूरा करने का अधिकारियों को आदेश दिया।

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