राष्ट्र प्रथम की भावना से काम करें : उपराष्ट्रपति

हैदराबाद, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को नागरिकें से राष्ट्र प्रथम की मानसिकता अपनाने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि देश की प्रगति में बाधा डालने वाली आंतरिक और बाहरी दोनें तरह की ताकतों का मुकाबला किया जा सके। धनखड़ ने मेदक जिले में जैविक तरीके अपनाने वाले किसानें के एक सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि लोकतंत्र में समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।

उन्होंने कहा कि आज मैं देख रहा हूँ कि किसान कुछ मुद्दों को लेकर चिंतित हैं। अगर समाज का कोई वर्ग चिंतित है तो उसका सकारात्मक तरीके से और बिना देरी के समाधान करना जरूरी है। लोकतंत्र में मुद्दों को सुलझाने का एकमात्र तरीका बातचीत है। मैंने कई मौकें पर कहा है कि लोकतंत्र में बातचीत के जरिए ही समस्याओं का समाधान खोजा जाना चाहिए।

धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने संबोधन में बातचीत की वकालत की है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जो संघर्ष देखने को मिल रहे हैं, उन्हें बातचीत के माध्यम से ही समाप्त कराया जा सकता है।

धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक भारतीय को देश विरोधी ताकतों को हराने के लिए राष्ट्रवाद में अटूट विश्वास बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि चालें चली जा रही हैं। मैं अपने चारों ओर भारत की प्रगति विरोधी ताकतों का एक भयावह संगम देख रहा हूँ। उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतें एक विमर्श पेश करती हैं, जो बाद में बड़ा रूप ले लेती हैं। उन्होंने नागरिकें से ऐसी परिस्थितियें में राष्ट्रवाद में अटूट विश्वास बनाए रखने का आह्वान किया।

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