एनआईआरडीपीआर में पंचायती राज पर कार्यशाला आयोजित

हैदराबाद, पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आज राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर) में जीवनयापन में सुगमता-जमीनी स्तर पर सेवा वितरण को बढ़ाना विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। पंचायत सम्मेलन के तहत चार क्षेत्रीय कार्यशालाओं की श्रंखला में आयोजित पहली कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य जमीनी स्तर पर सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए अभिनव दृष्टिकोणों पर विचार-विमर्श करना तथा परस्पर अनुभव साझा करना था। कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि तथा पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज द्वारा किया गया। अवसर पर एनआईआरडी एंड पीआर के महानिदेशक डॉ. जी. नरेंद्र कुमार उपस्थित थे।

विवेक भारद्वाज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार प्रत्येक पंचायत को कुशल, पारदर्शी और उत्तरदायी सेवाओं के केंद्र के रूप में बदलने हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सेवा भाव के साथ प्रभावी सेवा वितरण ग्रामीण आत्मनिर्भरता और स्वैच्छिक कर अनुपालन को मजबूत करने की कुँजी है। गुणवत्तापूर्ण सेवा वितरण और नागरिकों द्वारा करों का भुगतान करने की इच्छा के बीच सीधे संबंध पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इससे पंचायतें स्व-जनित राजस्व के माध्यम से आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सक्षम होंगी। उन्होंने कहा कि सफल सेवा वितरण मॉडल का दस्तावेजीकरण करते हुए अन्य पंचायतों को प्रेरित करने के लिए साझा प्रयास किया जाना चाहिए। साथ ही अनुकरणीय सेवा वितरण ढाँचे वाले राज्यों को मॉडल प्रतिवकृति के लिए दूसरों के साथ सहयोग करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पंचायती राज मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में ग्राम पंचायतों को 22,164 कंप्यूटर प्रदान करने को मंजूरी दी है, जहाँ पहले कंप्यूटर उपलब्ध नहीं थे। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन सेवाओं तक पहुँच को व्यापक बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने 3,301 ग्राम पंचायत भवनों के निर्माण को भी मंजूरी दी है, जिसमें सह-स्थित सामान्य सेवा केंद्र शामिल होंगे। यह जमीनी स्तर पर डिजिटल बुनियादी ढाँचे को और मजबूत करने में योगदान प्रदान करेंगे।

डॉ. जी. नरेंद्र कुमार ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने का काम सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों को अत्याधुनिक उपकरणों और ज्ञान से लैस कर हम एक शासन क्रांति के लिए मंच तैयार कर रहे हैं। पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव आलोक प्रेम नागर ने एनआईसी के सर्विसप्लस, यूनिसेफ के रैपिडप्रो सहित विभिन्न डिजिटल पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग और सहयोगी शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने से पंचायत सम्मेलन की श्रफंखला में भविष्य की क्षेत्रीय कार्यशालाओं के लिए एक नया मानदंड स्थापित हुआ है। हैदराबाद में आयोजित पंचायत सम्मेलन का भाषिणी मंच के माध्यम से बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु सहित ग्यारह भाषाओं में सजीव प्रसारण किया गया। यह भाषाई पहुँच मंत्रालय की समावेशी शासन और विविध भाषाई समुदायों में प्रभावी ज्ञान प्रसार के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।

तेलंगाना सरकार के पंचायत राज और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डी.एस. लोकेश कुमार ने हैदराबाद में कार्यशाला के आयोजन के लिए पंचायती राज मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यशाला में आंध्र-प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, झारखंड, मध्य-प्रदेश, मिजोरम और ओड़िशा के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने सेवा वितरण में चुनौतियों और अवसरों पर विचार साझा किए। यहाँ आयोजित विभिन्न सत्रों में ग्रामीण सेवा वितरण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर जीवन को आसान बनाने के विषय पर चर्चा की गई।

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