बीआईएस का विश्व मानक दिवस समारोह आयोजित
हैदराबाद, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), हैदराबाद शाखा द्वारा होटल कत्रिया, सोमाजीगुड़ा में आयोजित विश्व मानक दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने भाग लिया।
आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्य अतिथि के रूप में जिष्णु देव वर्मा ने मानकों की भूमिका को एक सतत, जुड़ी हुई दुनिया के निर्माण में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह दिन केवल मानकों की स्मफति से अधिक है। यह हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक के साथ एक ऐसी दुनिया के निर्माण करने के लिए है, जो गुणवत्ता, स्थिरता और साझा प्रगति पर आधारित हो। मानक वह अदृश्य धागे हैं, जो उद्योगों, समाजों और अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ते हैं, विश्वास, नवाचार और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीस), विशेष रूप से एसडीजी उद्योग, नवाचार और अवसंरचना के साथ मानकों के संरेखण पर जोर देते हुए उनके आर्थिक विकास पर प्रभाव को रेखांकित किया।
राज्यपाल ने सभी को गुणवत्ता की प्रतिज्ञा दिलाई। उन्होंने सभी से मानकीकरण में सक्रिय योगदान देने और केवल मानकीवफढत उत्पाद खरीदने की प्रतिबद्धता जताने का आह्वान किया। यह प्रतिज्ञा दैनिक जीवन में गुणवत्ता और सुरक्षा बनाए रखने के महत्व को दर्शाते हुए मानकों के प्रचार में व्यक्तिगत जिम्मेदारी पर बल देती है।
कार्यक्रम में डॉ. जी. मालसूर, उद्योग, वाणिज्य और निर्यात संवर्धन निदेशक ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने तेलंगाना में औद्योगिक क्रांति और भारतीय मानकों द्वारा उद्योगों में गुणवत्ता आधारित दृष्टिकोण के निर्माण में योगदान पर विचार साझा किए।
समारोह का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। बीआईएस हैदराबाद के निदेशक और प्रमुख पी.वी. श्रीकांत ने स्वागत भाषण में विश्व मानक दिवस संदेश साझा किया, जो एक स्थायी दुनिया में मानकों की महत्वपूर्ण भूमिका और भारत की उत्वफढष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
अवसर पर उद्योगों में उत्वफढष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार भी वितरित किए गए। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बीआईएस हैदराबाद द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता स्टैंडर्ड्स ब्रेनियाक्स था, जिसमें पहला पुरस्कार अरुण कुमार काम्मारी (वर्धमान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग), दूसरा पुरस्कार ताहिती मरोजू (श्री नागार्जुन हाई स्कूल) तथा तीसरा पुरस्कार सूर्य देव (फुटवियर डिजाइन और विकास संस्थान) को दिया गया। सर्वश्रेष्ठ मेंटर पुरस्कार शिक्षकों को उनके उत्वफढष्ट मार्गदर्शन और छात्रों में नवाचार व उत्वफढष्टता को बढ़ावा देने के लिए प्रदान किए गए, जिसमें यू. स्वाति (सरकारी हाई स्कूल, मौलाली), डॉ. वासुदेव रेड्डी (गवर्नमेंट सिटी कॉलेज), डॉ. कनवॉय नरहरि सुजाता (श्रीनिधि इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी) शामिल हैं।
कार्यक्रम का समापन प्रमुख अतिथि वक्ताओं के तकनीकी सत्रों के साथ हुआ, जिनमें डॉ. सीताराम ब्रह्मम गुंटुरी, प्रधान सलाहकार, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, जया अपर्णा पासी, उपाध्यक्ष, सीपीडब्ल्यूए, डीक्यू सिस्टम्स, सूरी पेनुबोलू, सह-संस्थापक, सोलोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, डॉ. प्रदीप कुमार येमुला, असोसिएट प्रोफेसर, आईआईटी हैदराबाद शामिल थे। कार्यक्रम में उद्योगों, सरकारी विभागों, उपभोक्ता संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। बीआईएस हैदराबाद ने भारत के लिए एक स्थायी, नवाचारी और गुणवत्ता-संचालित भविष्य के निर्माण में मानकों के महत्व को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दोहराया।