तिल के तेल का दीपक रोज न करें प्रज्वलित

सनातन धर्म में तिल के तेल का दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। तिल के तेल का दीपक जलाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। मान्यताओं के अनुसार, तिल के तेल का दीपक जलाने से वातावरण में शुद्धता बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि तिल के तेल का दीपक ग्रह दोषों का निवारण करता है। पूजा में दीपक अवश्य ही जलाया जाता है। बिना दीपक जलाए पूजा पूरी नहीं मानी जाती है।

ज्यादातर लोग पूजा में दीपक जलाने के लिए सरसों की अपेक्षा तिल के तेल का उपयोग करते हैं, लेकिन हिंदू धर्म शास्त्रों में तिल के तेल का दीपक जलाने के नियम बताए गए हैं, लेकिन सप्ताह में चार दिन तिल के तेल का दीपक नहीं जालाना चाहिए। ऐसा करने से घर-परिवार समस्याओं में घिर जाता है। धर्म शास्त्रों और कथावाचकों के अनुसार, तिल का तेल हफ्ते के चार दिन हाथ में भी नहीं लगना चाहिए। बताया जाता है कि रविवार को हाथ में तिल का तेल नहीं लगाना चाहिए।

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इस दिन तिल के तेल का दीपक जलाने से लंबी बीमारी आती है। मंगलवार को तिल के तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए। कहते हैं कि मंगलवार को तिल के तेल का दीपक जलाने से जीवन में हादसा होने की संभावना रहती है, जिसमें मृत्यु हो सकती है। इस तरह से गुरुवार और शुक्रवार को भी तिल के तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए। बताया जाता है कि गुरुवार को तिल के तेल का दीपक जलाने से हानि होती है। शुक्रवार को तिल के तेल का दीपक जलाने से दुःख प्राप्त होता है।

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