हैदराबाद, सूर्य का उदय और अस्त होना नित्य का क्रम है। साल के 365 दिनों में एक दिन ऐसा विशेष होता, जिसके लिए कहा जाता आज सोना रो सूरज उगियो, यह दिन भक्तों के भगवान जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. के बारे में कहा जाता है, क्योंकि इस युक्ति को यथार्थ करने चोरड़ियां वंश में तेरस के दिन सोने का सूर्य उदित हुआ। भारत की विशिष्ट परम्परा में विक्रम की 20वीं सदी में आविर्भाव हुआ, जिन्होंने अहिंसा की ज्योति को महलों से कुटिया तक गरीब से अमीर तक प्रज्ज्वलित किया। उनके जीवन में पैठ गहरी थी। महान त्यागी तपस्वी निस्पृह गुरुदेव थे और रहे।
उक्त उद्गार श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ग्रेटर हैदराबाद के तत्वावधान में काचीगुड़ा स्थित श्री पूनम चंद गांधी जैन स्थानक में चातुर्मासिक धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी जयश्रीजी म.सा. आदि ठाणा-3 ने व्यक्त किये। संघ के कार्याध्यक्ष विनोद कीमती द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, साध्वी जयश्रीजी म.सा. ने कहा कि गुरुदेव के जीवन में 4 बातें विशेष रूप से थीं- साधना, समर्पण, समाधी और सहनशीलता।
18 वर्ष की आयु में नवविवाहिता परणिता को छोड़ बन गये चौथमल से चौथमल मुनि। वह 18 भाषाओं का ज्ञान रखते थे और 32 आगमों का गहन और गंभीर अध्ययन था। गुरुदेव साधना में संलग्न रहते थे। आपके चरणों में राजा-महाराजा से लेकर 36 कौम ने शरण ली। म.सा. ने कहा कि गुरुदेव के जीवन में रविवार महत्वपूर्ण वार रहा, क्योंकि जन्म, दीक्षा, निर्वाण रविवार को ही हुआ। यह एक गजब का योग रहा। ऐसे जान दिवाकर गुरुदेव चौथमलजी म.सा. की 145वीं जन्म जयंती 5 दिवसीय कार्यक्रमों के साथ काचीगुड़ा श्री संघ में उल्लास व भव्य रूप से मनाई जा रही है।
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गुरुदेव जयंती पर गुणानुवाद सभा और भक्ति समारोह
साध्वी राजश्रीजी म.सा. ने गुरुदेव के आदर्श जीवन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिनशासन में दो ही दिवाकर हुए, पहले सिद्धसेन दिवाकर और दूसरे जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा.। साध्वी समीक्षाश्रीजी म.सा के दीक्षा दिवस पर मंगल कामना की गयी। संघ के महामंत्री पवन कटारिया ने धर्म सभा का संचालन किया। महापुरुषों की गुणानुवाद सभा में बीबेवाड़ी संघ, पुणे और चित्तौड़गढ़ से पधारे दर्शनार्थियों का संघ की ओर से बहुमान किया गया।
बीबेवाड़ी संघ के उपाध्यक्ष दुग्गड़ ने विचार रखे। दिवाकर संघ के विमलेश कोठारी, महावीर कोठारी, चंदनबाला महिला मंडल की मंजू श्रीश्रीमाल, चंदनबाला बहू मंडल की लता पितलिया ने गुरुद्व्य जन्मोत्सव पर विचार रखे। दिवाकर संघ एवं अन्नराज बाफना परिवार की ओर से लक्की ड्रॉ और प्रभावना रखी गयी। पवन कटारिया ने बताया कि मंगलवार, 4 नवंबर को कर्नाटक गजकेसरी गुरुदेव गणेशलालजी म.सा. के जन्मोत्सव पर गुणानुवाद सभा आयोजित की गयी।
बुधवार, 5 नवंबर को वीर लोकाशाह जयंती एवं संघ के तत्वावधान में आभार एवं बधाई दिवस मनाया जाएगा। जन्मोत्सव पर सैकड़ों की संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने दो-दो सामायिक और एकासना तप की आराधना की। कुमारी रिद्धि महावीर गुगलिया ने महासती के विदाई पर प्रस्तुति दी, संघ की ओर से अनुमोदना करते हुए पारितोषिक दिया गया। कार्यक्रम के पश्चात संघ की ओर से गौतम प्रसादी का आयोजन किया गया।
