मिश्र धातु निगम में व्याख्यान : राजभाषा प्रस्ताव व दक्षिण भारतीय योगदान पर विमर्श
हैदराबाद, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत उपक्रम मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानि) में हिन्दी दिवस 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित हिन्दी माह के समापन समारोह में भाषा विज्ञान, अरबा मिंच विश्व विद्यालय इथियोपिया, अफ्रिका के प्रोफेसर डॉ. गोपाल शर्मा द्वारा संविधान में राजभाषा का प्रस्ताव और दक्षिण भारतीयों का योगदान विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्यम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. एस.वी.एस. नारायण मूर्ति ने की। डॉ. गोपाल शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति दर्ज करायी। उद्यम के निदेशक (वित्त) के. मधुबाला, निदेशक (उत्पादन एवं विपणन) पी. बाबू अवसर पर उपस्थित थे। डॉ. एस.वी.एस. नारायण मूर्ति ने सभी को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ देते हु दीं। उन्होंने कहा कि हिन्दी केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, अस्मिता और एकता का प्रतीक है। उन्होंने उल्लेख किया कि संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने के महत्व को हमें सतत याद रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि आज हिन्दी वैश्विक स्तर पर प्रमुख भाषाओं में शुमार है और डिजिटल युग ने इसकी पहुँच को और विस्तृत किया।
विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में हिन्दी के उपयोग को आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि मातृभाषा में वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध होने से समाज का बड़ा वर्ग लाभान्वित होता है। उन्होंने मिधानि में राजभाषा हिन्दी के प्रभावी क्रियान्वयन को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया, विशेषकर तकनीकी संगठन होने और ‘ग’ क्षेत्र की चुनौतियों के बावजूद। कर्मचारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण, प्रतियोगिताएँ और प्रोत्साहन योजनाएँ हिन्दी के प्रति आत्मीयता बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हुई हैं।
प्रशासनिक व वैज्ञानिक कार्यों में हिन्दी उपयोग को गति देने का संकल्प
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने संकल्प व्यक्त किया कि प्रशासनिक, तकनीकी और वैज्ञानिक कार्यों में हिन्दी के उपयोग को और गति दी जाएगी, ताकि यह न केवल परंपरा की भाषा, बल्कि भविष्य की प्रगति की आधारशिला बने। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी।
डॉ. गोपाल शर्मा ने कहा कि हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और भाषाई संतुलन का परिणाम था। उन्होंने संविधान का प्रारूप तैयार करने में दक्षिण भारतीय बेनगल नरसिम्हा राव का स्मरण करते हुए कहा कि दक्षिण भारतीय विद्वानों ने संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए भाषाई विविधता का सम्मान सुनिश्चित किया। डॉ. शर्मा ने मोटूरि सत्यानारायण की भूमिका विशेष रूप से रेखांकित की, जो भाषा समिति के प्रथम अध्यक्ष थे और हिन्दी के पक्ष में प्रभावी तर्क प्रस्तुत कर, संतुलित हिन्दी-अंग्रेज़ी नीति बनाने में अग्रणी रहे।
इसके अलावा एन. गोपालस्वामी आयंगर, टी.ए. रामलिंगम चेट्टियार, टी.टी. कृष्णमाचारी जैसे अन्य दक्षिण भारतीय विद्वानों ने हिन्दी के समर्थन, संतुलित नीति और व्यावहारिक दृष्टिकोण को सुनिश्चित करने में योगदान दिया। उन्होंने दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा की भूमिका का उल्लेख किया, जिसने दक्षिण भारत में हिन्दी शिक्षा और प्रचार के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन बनाया। उन्होंने कहा कि राजभाषा नीति की सफलता दक्षिण भारत के विद्वानों और संस्थाओं के दूरदर्शी योगदान का परिणाम है। इसे याद रखना हमारी भाषाई और संवैधानिक एकता को सम्मान देना है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने हिन्दी दिवस और राजभाषा कार्यों पर रखे विचार
के. मधुबाला, निदेशक (वित्त) और पी. बाबू, निदेशक (उत्पादन एवं विपणन) द्वारा 18 सितंबर से 18 अक्तूबर तक आयोजित हिन्दी माह-2025 के दौरान आयोजित हिन्दी टंकण, वाक्, शब्दावली-टिप्पण-टिप्पण, निबंध, अविस्मरणी स्मृतियों के झरोखे से, एक भारत-श्रेष्ठ भारत, गायन तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को नकद पुरस्कारों से सम्मानित किया। कार्यक्रम में गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के संदेशों का वाचन क्रमश शुभदीप घोष, अपर महाप्रबंधक (प्रभारी, क्रय) और निशांक कुमार जैन, अपर महाप्रबंधक (टाइटेनियम, आईसीपी एवं ईबीएम) ने किया।
अवसर पर डॉ. जी.आर. प्रवीण ज्योति, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी गरिमा ओझा, सहायक प्रबंधक (वित्त) और उमेंद्र सिंह, वरिष्ठ तकनीकी सहायक (वाइड प्लेट मिल) ने मिधानि में आयोजित हिन्दी दिवस, हिन्दी के प्रचार-प्रसार और हिन्दी विभाग की कार्यशैली में टिप्पणियाँ प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम के दौरान आयोजित संस्कृतिक कार्यक्रम में मिधानि के कर्मचारी साईबाबा, गौतमी पी. वर्षा, के. सुरेखा, नागराजू और विजयनाथ कुशवाह ने हिन्दी गीत गाए।
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डॉ. बी. बालाजी ने हास्य-व्यंग्य कविता का पाठ किया। समापन समारोह का आरंभ बीपीडीएवी स्कूल के छात्रों द्वारा हिन्दी भाषा पर आधारित गीत से हुआ। समापन राष्ट्र गान से हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बी. बालाजी, प्रबंधक (हिन्दी अनुभाग एवं निगम संचार) ने किया। आयोजन में हिन्दी अनुभाग के कर्मी रत्नकुमारी, कनिष्ठ कार्यापालक और विकास आजाद, हिन्दी अनुवादक की भूमिका रही।
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