ग्लोबल समिट में रेवंत के कपड़ों को लेकर दासोजू ने जताई आपत्ति
हैदराबाद, विधान परिषद सदस्य डॉ. दासोजू श्रवण कुमार ने तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट में मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की वेशभूषा को लेकर कहा कि तेलंगाना का प्रतिनिधित्व कर रहे मुख्यमंत्री को एक वैश्विक मंच पर किस प्रकार के कपड़े पहनकर जाना चाहिए, इसका ज्ञान नहीं है। मुख्यमंत्री से तो अच्छे कपड़े फिल्म एक्टर चिरंजीवी ने पहन रखे थे।
भारत राष्ट्र समिति (भारास) मुख्यालय तेलंगाना भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. श्रवण ने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी बौद्धिक दिवालियापन (इंटेलेक्चुअल बैंक्रप्सी) से ग्रसित हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री की मानसिकता को थ्री रूपीज माइंडसेट (तीन रुपये वाली मानसिकता) करार देते हुए कहा कि थ्री ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए वैश्विक मंच पर थ्री रूपीस माइंडसेट काम नहीं आएगा।
उविवि छात्रों को अंग्रेजी से दूर रहने की सलाह पर नाराजगी
दासोजू श्रवण ने उस्मानिया विश्वविद्यालय (उविवि) में दिए भाषण के दौरान मुख्यमंत्री के बयान, जिसमें अंग्रेजी भाषा को दक्षता का प्रर्याय नहीं बल्कि कम्युनिकेशन की भाषा बताए जाने को लेकर कहा कि इंग्लिश एक ग्लोबल लैंग्वेज है। यदि हैदराबाद में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट या 19 लाख आईटी नौकरियाँ उपलब्ध हुई हैं, तो वह इंग्लिश के कारण ही हैं। अंग्रेजी भाषा से कान्फिडेंस बढ़ता है, यह रेवंत रेड्डी को पता तक नहीं है।
मुख्यमंत्री ने ग्लोबल समिट में अंग्रेजी भाषा में बात की। जिस उस्मानिया विश्वविद्यालय (उविवि) में बीसी, एससी, एसटी विद्यार्थी अधिक पढ़ते हैं, उन्हें अंग्रेजी भाषा से दूर रहने का ज्ञान दे रहे हैं, जो दुःख की बात है। उन्होंने कहा कि चीन, जापान, इजरायल, जर्मनी आदि देश अंग्रेजी सीखने विद्यार्थियों को उविवि के इफ्लू भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकसित देश अंग्रेजी सीखने पर जोर दे रहे हैं, परंतु मुख्यमंत्री इसे सीखने से मना कर रहे हैं, यह दुःख की बात है।
इससे अधिक तो दुःख तब हुआ, जब मंच के समक्ष बैठे उविवि के प्रोफेसर व बुद्धिजीवी (इंटेलेक्चुअल) भी तालियाँ बजा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान नहीं है, तो क्या सभी को वह अंग्रेजी से परहेज करने कहेंगे, यह ठीक नहीं है। रेवंत रेड्डी चाहते हैं कि उनकी तरह सभी रियल इस्टेट व्यापार कर प्लॉट बेचकर कमाई करें। उन्होंने कहा कि उविवि गए मुख्यमंत्री से कई आशाएँ थीं, लेकिन उनके भाषण ने सभी को निराश किया।
निजी स्कूल फीस और वेल्फेयर स्कूल बंद करने को लेकर आरोप
डॉ. श्रवण ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने परोक्ष रूप से केटीआर की आलोचना की है, परंतु मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए भाषा की निपुणता केटीआर को भगवान का दिया वरदान है। डोनाल्ड ट्रम्प या इवांका ट्रम्प हो या फिर एल्लम्मा सभी के साथ केटीआर हर भाषा में बात कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय संभाल रहे मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को पता होना चाहिए पूर्व प्रोफेसर कंचा एल्लय्या ने खुद राहुल गांधी से जाकर देश को मजबूत बनाने अंग्रेजी सीखने की सलाह दी थी।
इस पर राहुल गांधी ने माना था कि भारत को मजबूत बनाने अंग्रेजी सीखना जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री के यंग इंडिया इंटिग्रेटेड स्कूल और यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी को लेकर दिए गए बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि फीस री अंबर्समेंट की 10 करोड़ रुपये राशि बकाया है, बीआर अंबेडकर ओवरसीज स्कॉलरशिप के अंतर्गत एक पैसा तक नहीं दिया गया, गुरुकुल विद्यालयों में करीब 15 विद्यार्थियों की जानें चली गईं, परंतु मुख्यमंत्री यंग इंडिया इंटिग्रेटेड स्कूल पर 200 करोड़ रुपये खर्च की बात कर रहे हैं।
यह सब करके मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर के शुरू किए गए वेल्फेयर स्कूलों को बंद करने का षड्यंत्र मात्र रच रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से माँग करते हुए कहा कि निजी स्कूलों में फीस के नाम पर लूट मचाई जा रही है और फीस नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सरकार ने क्या किया बताएँ।
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जातिगत जनगणना का कारण नीतीश कुमार
डॉ. दासोजू श्रवण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा देश में कराए जाने वाली जनगणना सहित जातिगत जनगणना को लेकर कहा कि यदि बिहार में चुनाव न होते, तो मोदी सरकार जातिगत जनगणना नहीं कराती। उन्होंने कहा कि बीसी वोट हासिल कर बिहार चुनाव जीतने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दबाव में आकर जातिगत जनगणना की घोषणा मोदी सरकार ने की। पूर्व मुख्य्मंत्री केसीआर द्वारा कई बार प्रधानमंत्री से जातिगत जनगणना कराने के लिए पत्र लिखकर दबाव बनाया गया। उन्होंने कहा कि देश में जातिगत जनगणना का कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं।
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