राजनीतिक पार्टियों के जाल में न फँसें विद्यार्थी : रेवंत रेड्डी

हैदराबाद, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने उस्मानिया विश्वविद्यालय के छात्रों का आह्वान किया कि वे राजनीतिक दलों के जाल में न फंसें और अपने करियर को संवारने के लिए पढ़ाई पर ध्यान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों में नेतृत्व क्षमता भी होनी चाहिए ताकि वे आगे चलकर राज्य का नेतृत्व करने वाले अच्छे नेता बन सकें।

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने उस्मानिया विश्वविद्यालय के विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये की राशि मंजूर करने की घोषणा की। यह राशि अवसंरचना विकास पर खर्च की जाएगी। उन्होंने बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में एक विशेष क्यूआर कोड जारी किया, जिसके माध्यम से छात्र प्रस्तावित मास्टर प्लान और डिज़ाइनों पर अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव साझा कर सकते हैं। छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ओयू के पुराने वैभव को लौटाने और उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक लेकर जाने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे विश्वविद्यालय को प्रशंसा और स्नेह से भरे मन के साथ इसके विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आये हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आने के लिए साहस की नहीं, बल्कि स्नेह और सम्मान की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना एक जागरूक और साहसी समाज है। जब लोगों पर अत्याचार और वर्चस्व थोपा गया, तभी तेलंगाना में विद्रोह जन्मा।

शिक्षा और सामाजिक न्याय के माध्यम से गरीबों की सहायता का लक्ष्य

कोमरम भीम से लेकर सशस्त्र किसान संघर्ष तक, लोगों ने दमन के खिलाफ आवाज उठाई। तेलंगाना राज्य के गठन में उस्मानिया और काकतिया विश्वविद्यालयों के छात्रों की भूमिका सराहनीय रही। तेलंगाना आंदोलन के दौरान छात्रों ने स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय और समान अवसरों की मांग की थी। उन्होंने कभी फ़ार्महाउस या जमीन की मांग नहीं की। उस्मानिया विश्वविद्यालय को पी.वी. नरसिम्हा राव, जयपाल रेड्डी, जॉर्ज रेड्डी, गद्दर जैसे महान नेताओं को पैदा करने का श्रेय भी जाता है।

रेवंत ने कहा कि विश्वविद्यालय को बीआरएस के शासनकाल में जानबूझकर उपेक्षित रखा गया। बीआरएस नेताओं ने सैकड़ों एकड़ भूमि पर फ़ार्महाउस बनाए, जबकि एक भी दलित परिवार को तीन एकड़ जमीन नहीं दी। उन्होंने कहा कि वे सरकारी स्कूल में पढ़े हैं। उन्हें विदेशी भाषाओं का ज्ञान भले न हो, लेकिन वे गरीबों की पीड़ा को समझते हैं। अंग्रेज़ी भाषा में दक्षता ज्ञान का पर्याय नहीं है, क्योंकि अंग्रेज़ी केवल एक संचार माध्यम है। उनकी सरकार स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय और समान अवसर प्रदान कर रही है। सरकार का उद्देश्य गरीबों और वंचितों की सहायता करना है, और वे तेलंगाना को बुरी ताकतों से मुक्त करने के लक्ष्य रखते हैं।

यह भी पढ़ें तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट में 5.39 लाख करोड़ के जम्बो निवेश करार

स्टाफ नियुक्ति में पारदर्शिता और राजनीतिक हस्तक्षेप पर जोर

सीएम ने कहा कि वे कमजोर वर्गों के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बने हैं। उनकी आकांक्षा है कि उनके सुशासन की चर्चा इतिहास में हमेशा रहे। पिछले दो वर्षों में सरकार ने तेलंगाना गीत को मान्यता दी, तेलंगाना तल्ली की प्रतिमा स्थापित की, एससी वर्गीकरण लागू किया, जाति जनगणना करवाई और केंद्र को भी इसके लिए मजबूर किया। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सशक्तिकरण के लिए शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। जमीन न होना गरीबी हो सकती है, लेकिन शिक्षा का अभाव पिछड़ापन है।

सरकार के पास जमीन बाँटने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, लेकिन वह सभी जरूरतमंदों को शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि गरीबों के जीवन में बदलाव लाया जा सके। सरकार जाति-पाति के भेदभाव मिटाने के लिए एकीकृत आवासीय विद्यालय स्थापित कर रही है। युवाओं के कौशल विकास के लिए यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी स्थापित की गई है। 2036 ओलंपिक में पदक जीतने के लक्ष्य से यंग इंडिया स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी स्थापित की गई है।

विश्वविद्यालय में शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ की नियुक्ति के लिए समिति का गठन किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चयन प्रक्रिया में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। किसी को भी बच्चों के भविष्य को बिगाड़ने का अधिकार नहीं है। उस्मानिया विश्वविद्यालय तेलंगाना का हृदय है, इसलिए नियुक्तियाँ पारदर्शी तरीके से की जानी चाहिए ताकि छात्रों के भविष्य का बेहतर निर्माण हो सके।

बीआरएसवी नेताओं की हिरासत, विरोध प्रदर्शन तेज

मुख्यमंत्री के दौरे से पहले भारत राष्ट्र समिति विद्यार्थी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन का प्रयास किया। विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए कुछ छात्रों ने सीएम डाउन डाउन के नारे लगाए। बीआरएस पार्टी के एक्स हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में पुलिस को भारी भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश करते हुए देखा गया। बीआरएस नेता मन्ने कृष्णांक के अनुसार, छात्र मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा जॉब कैलेंडर जारी न करने और एक साल में 2 लाख नौकरियों को भरने में विफल रहने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

अब आपके लिए डेली हिंदी मिलाप द्वारा हर दिन ताज़ा समाचार और सूचनाओं की जानकारी के लिए हमारे सोशल मीडिया हैंडल की सेवाएं प्रस्तुत हैं। हमें फॉलो करने के लिए लिए Facebook , Instagram और Twitter पर क्लिक करें।

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button