तेलंगाना हाईकोर्ट : बाल सुधार गृह के आरोपी को राहत नहीं

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हैदराबाद, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सरकारी बाल सुधार गृह में नाबालिग बच्चों को लैंगिक रूप से प्रताड़ित करने वाले सुपरवाइजर मो. रहमान सिद्दिकी को राहत देने से इनकार कर दिया और उसे रिहा करने से मना कर दिया। रहमान सिद्दिकी के भाई ने उच्च न्यायालय में हेबीएस कार्पस याचिका दायर कर रहमान सिद्दिकी को रिहा करने के लिए आदेश देने का आग्रह किया। उसने याचिका में आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके भाई को अवैध रूप से गिरफ्तार किया है और उसकी रिहाई के लिए आदेश जारी किया जाए।

तेलंगाना उच्च न्यायालय की न्यायाधीश जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य और जस्टिस गाड़ी प्रवीण कुमार की खण्डपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने दलील देते हुए बताया कि पुलिस ने याचिकाकर्ता के भाई को बिना किसी ठोस सबूत के अवैध रूप से गिरफ्तार किया और उसे हिरासत में रखकर प्रताड़ित किया जा रहा है।

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खण्डपीठ ने गंभीर आरोपों के चलते याचिका खारिज की

प्रतिवाद करते हुए सरकारी अधिवक्ता स्वरूप उर्रेल्ला ने कहा कि पीड़ित नाबालिगों के पारिवारिक सदस्यों के बयान पुलिस के पास उपलब्ध है और मामले की जाँच के दौरान आरोपी को रिहा करने के लिए आदेश न देने का खण्डपीठ से आग्रह किया। खण्डपीठ ने सरकारी अधिवक्ता द्वारा मामले के संबंध में पेश किए गए सबूत, आरोपी द्वारा दिया गया अपराध स्वीकृति बयान से संबंधित दस्तावेजों की जाँच की।

खण्डपीठ ने कहा कि आरोपी के खिलाफ काफी गंभीर आरोप है और निचली अदालत के आदेश पर ही आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस कारण इस मामले को लेकर दायर हेबीएस कार्पस याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती है। खण्डपीठ ने स्पष्ट किया कि आरोपों के चलते पुलिस ने याचिकाकर्ता के भाई को हिरासत में लिया। आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप के चलते खण्डपीठ इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है, इस दलील के साथ अपना फैसला सुनाते हुए खण्डपीठ ने दायर याचिका को खारिज कर दिया।

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