एसवीपीएनपीए में 77वीं आरआर दीक्षांत परेड सम्पन्न


राष्ट्र सुरक्षा किसी एक संस्था का काम नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास -दलजीत सिंह चौधरी
हैदराबाद, सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में 77वें नियमित भर्ती (77 आरआर 2024) बैच की दीक्षांत परेड आज आयोजित की गई। समारोह में 174 आईपीएस परिवीक्षाधीनों, 16 विदेशी अधिकारियों सहित 190 प्रशिक्षु अधिकारियों ने भाग लिया। दीक्षांत परेड के मुख्य अतिथि सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी थे। परेड का नेतृत्व तमिलनाडु कैडर के अंजित ए. नायर ने किया।
दलजीत सिंह चौधरी ने आईपीएस प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा किसी एक संस्था का काम नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास है। इसका उदाहरण ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखने को मिला, जहाँ पुलिस बल ने अन्य सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। पुलिस अकेले नहीं खड़ी होती। अन्य सुरक्षा बलों के साथ समन्वय और नागरिकों का विश्वास अर्जित करने में निहित ईमानदारी और जनसेवा पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस बल को उत्तरदायित्वों के निर्वहन के बीच मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए। साथ ही न्याय और करुणा पर आधारित एक जन केंद्रित बल बने रहने का संकल्प लेना चाहिए।परंपरा और बलिदान से सराबोर यह भूमि खाकी वर्दी में नेताओं की पीढ़ियों के निर्माण की साक्षी रही है।
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अच्छे शारीरिक- मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता पर बल
दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि आज उस विरासत में कदम रखने की आपकी बारी है। उन्होंने कहा कि आप सब ऐसे समय में कदम रख रहे हैं, जब भारत परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है। इस दौरान की चुनौतियाँ आसान नहीं हैं। उग्रवाद, आतंकवाद, अलगाववाद, साइबर अपराध सहित अन्य मुद्दे आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं। सीमा सुरक्षा बल महानिदेशक ने पुलिस कर्मियों के लिए अच्छे शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती ही आपकी सबसे बड़ी संपत्ति है। इसके बल पर अथक ऊर्जा के साथ राष्ट्र की सेवा की जा सकती है।

सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक अमित गर्ग ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यहाँ अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों तथा व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि 77वें नियमित भर्ती बैच के लिए आज आयोजित दीक्षांत परेड के साथ प्रशिक्षु अधिकारियों के पहले चरण के प्रशिक्षण का समापन हुआ। जानकारी देते हुए बताया गया कि दीक्षांत परेड के बाद परिवीक्षाधीन अधिकारी केंद्रीय पुलिस संगठनों, केंद्रीय सशस्र पुलिस बलों और संसदीय अध्ययन एवं प्रशिक्षण ब्यूरो के साथ विभिन्न अनुलग्नकों के लिए दिल्ली जाएँगे।
उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित हुए परिवीक्षाधीन
इस चरण के दौरान वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और केंद्रीय पुलिस एवं सशस्र बलों के प्रमुखों से मिलेंगे। अपने संवर्गों में 29 सप्ताह के व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए लौटने से पहले भारतीय सेना और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के साथ भी समय बिताएँगे। इसके बाद उनके बुनियादी प्रशिक्षण का अंतिम चरण 22 जून, 2026 से सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में शुरू होगा।
दीक्षांत परेड के दौरान परिवीक्षाधीनों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। इस कड़ी में तमिलनाडु कैडर के अंजित ए. नायर को प्रथम चरण में सर्वश्रेष्ठ परिवीक्षाधीन के लिए निदेशक ट्रॉफी प्रदान की गई। आउटडोर विषयों में दक्षता के लिए बीएसएफ ट्रॉफी रॉयल भूटान पुलिस के रिग्जेन चोफेल को प्रदान की गई। मणिपुर कप फॉर लॉ नागालैंड कैडर के वरुण के. गौड़ा को मिली। टांक कप तेलंगाना के मंधारे सोहम सुनील को मिला।
सर्वश्रेष्ठ विदेशी परिवीक्षाधीन के लिए निदेशक ट्रॉफी नेपाल पुलिस के सगुन खड़का को प्रदान की गई। राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय ट्रॉफी तमिलनाडु कैडर के अश्विनी एस. को मिली। राष्ट्रीय क्राइम रिकार्ड ब्यूरो ट्राफी मध्य प्रदेश कैडर के मनोज कुमार को प्रदान की गई। अगमट कैडर की कीर्ति यादव को सर्वश्रेष्ठ आउटडोर परिवीक्षाधीन के लिए आईपीएस असोसिएशन की स्वॉर्ड ऑफ ऑनर तथा आउटडोर प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ महिला परिवीक्षाधीन के लिए निदेशक ट्रॉफी प्रदान की गई।
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