राष्ट्रीय कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम में 280 अधिकारियों ने की प्रतिभागिता

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हैदराबाद, केंद्रीय सिविल सेवाओं के लिए क्षमता निर्माण के उद्देश्य से डिजाइन किया गया राष्ट्रीय कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम, जो क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी, केपैसिटी बिल्डिंग कमीशन) द्वारा संचालित है, ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कोषिकोड़, क्षेत्र में सभी अधिकारियों को नई ऊर्जा प्रदान की। आठ दिन तक चले प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन क्षेत्र प्रमुख ऊषा ए.सी. द्वारा किया गया।

मास्टर ट्रेनरों वेलिदे नरसिम्हा मूर्ति, वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा) और गोपी वी.पी., वरिष्ठ प्रबंधक के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम ने अधिकारियों को कर्मचारी से कर्मयोगी बनने की प्रेरणा दी। प्रबंधक सनूप के.सी. ने सभी 280 अधिकारियों का नामांकन किया।

मिशन कर्मयोगी से उत्कृष्टता और राष्ट्र निर्माण

कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी का हिस्सा है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों को भारतीय मूल्यों पर आधारित सक्षम सिविल सेवा विकसित करने के लिए तैयार किया गया है। एकीकृत सरकारी ऑनलाइन ट्रेनिंग (आईजीओटी) कर्मयोगी प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित, यह पहल नागरिक केंद्रत शासन को मज़बूत करने पर ज़ोर देती है। कोषिकोड़ क्षेत्र के सभी अधिकारियों ने आठ बैचों में इसमें भाग लिया, जहाँ सभी सत्र अत्यधिक आकर्षक और इंटरैक्टिव पाए गए। प्रतिभागियों ने न केवल सक्रिय रूप से इसमें भाग लिया, बल्कि ट्रेनरों से मूल्यवान जानकारी ग्रहण की।

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कर्मयोगी क्षण सृजित करने के लिए ट्रिगर और तकनीकों पर चर्चा हुई, जिससे हितधारकों, ग्राहकों, सहकर्मियों, वरिष्ठों, अधीनस्थों और समकक्षों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के आदर्श कर्मयोगियों से प्रेरित होकर अधिकारी आंतरिक और बाह्य उत्कृष्टता विकसित कर राष्ट्रनिर्माता बन सकते हैं। अंतत अधिकारियों की भूमिका विकसित भारत निर्माण में है। वह राष्ट्रीय विकास के मूल हैं। देश के विकास को फल के रूप में दर्शाया गया एवं अपनी संस्था एवं देश के लक्ष्यों (फलों) को प्राप्त करना ही कर्मयोगियों का सर्वप्रथम कर्तव्य है।

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क्षेत्र प्रमुख ऊषा ए.सी. ने उद्घाटन समारोह में कहा कि यह कार्यक्रम हमें राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी की याद दिलाता है। हम ग्राहकों की सेवा से बैंक के लक्ष्यों को प्राप्त कर राष्ट्र के सपनों को साकार करेंगे। मास्टर ट्रेनर वेलिदे नरसिम्हा मूर्ति ने बताया कि अधिकारियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी ने सभी आठ प्रशिक्षण कार्यक्रम को यादगार बनाया। सभी ने प्रण लिया कि वह सेवा भाव के साथ उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान करते हुए विकसित भारत का निर्माण करेंगे। गोपी वी.पी. ने कहा कि यह प्रशिक्षण सेवा भाव को गहरा करता है। सभी कर्मयोगी आंतरिक एवं बाह्य उत्कृष्टता की ओर अग्रसर होंगे।

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