शराब दुकानों पर प्रशासनिक फैसले अब कोर्ट की निगरानी में

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हैदराबाद, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शराब की दुकानों के आवंटन के लिए आवेदन प्राप्त करने की समय सीमा बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा जारी कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला टाल दिया है। दोनों पक्षों की बहस शनिवार को पूरी हो गई थी।

अदालत ने दोनों पक्षों को सोमवार तक अपने संक्षिप्त लिखित तर्क पेश करने का आदेश दिया। अदालत एक शर्त लगाई है कि यदि सरकार अपना फैसला सुनाने से पहले शराब की दुकानों के आवंटन के संबंध में कोई निर्णय लेती है, तो वह अंतिम आदेशों के अधीन होगा।

राजनीतिक और प्रशासनिक विवादों के बीच मामला कोर्ट में लंबित

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस एन . तुकारामजी ने शनिवार को सोमाजीगुडा के डी वेंकटेश्वर राव सहित पांच लोगों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी की, जिसमें आबकारी आयुक्त द्वारा जारी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई, इस महीने की 18 तारीख से शराब की दुकानों के आवंटन के लिए आवेदन प्राप्त करने की समय सीमा बढ़ा दी गई।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश देसाई ने दलील दी कि उन्होंने नियमों के विपरीत केवल समय सीमा बढ़ाए जाने को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि उनका तर्क मौजूदा नियमों को लागू करने के लिए था।

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सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मोहम्मद इमरान खान ने दलील दी कि आवेदन प्रक्रिया पारदर्शी है और दुकानों के आवंटन से संबंधित निर्णयों को स्थगित करने के प्रावधान हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए तेलंगाना बंद के आह्वान के मद्देनजर आवेदन प्राप्त करने की समय सीमा बढ़ानी पड़ी। दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद उच्च न्यायालय ने फैसला स्थगित कर दिया।

यह भी पढ़ेशराब की दुकानों के लाइसेंस के लिए अब तक 95,285 आवेदन

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