पूजा-सामग्री से प्राप्त राख़ होती है उपयोगी

हर घर में रोज भगवान की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रां में पूजा-पाठ भगवान से उनसे जुड़ने का सबसे उत्तम माध्यम माना गया है। पूजा-पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। जीवन खुशहाल होता है। व्यक्ति धर्म को समझ कर उसी रास्ते पर चलने की कोशिश करता है। भगवान की कृपा से जीवन में सभी काम बनते हैं और घर-परिवार में खुशियाँ बनी रहती हैं।

हिंदू धर्म शास्त्रां में पूजा-पाठ के बहुत कड़े नियम बताए गए हैं। भगवान की पूजा एक पवित्र कार्य है। शास्त्रां में पूजा के बची सामग्री का भी सही तरह से निस्तारण करना चाहिए। ऐसे में लोगों के मन में शंका बनी रहती है कि पूजा करने पर अगरबत्ती, धूप बत्ती या हवन की राख़ का क्या करना चाहिए। इसका यहां शास्त्र सम्मत समाधान बता रहे हैं।

यह भी पढ़े : राधे-राधे या राम-राम उच्चारण में निहित है पुण्य कर्म

पूजा के बाद दीपक, अगरबत्ती, धूप या हवन सामग्री की राख़ को बेकार समझकर कभी भी कूड़े में नहीं पेंकना चाहिए। इसे अशुद्ध जगह पर नहीं पेंकना चाहिए। पूजा समाप्त होने के कुछ समय बाद उस राख़ को हटाकर मंदिर साफ करना चाहिए।
पूजा की राख़ को एकत्र करके हफ्ते या महीने बाद बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। राख़ को किसी साफ कपड़े में बांधकर किसी शांत और पवित्र जगह पर गाड़ देना चाहिए। इसके अलावा बगीचे या पौधों की मिट्टी में भी पूजा की राख़ डाली जा सकती है।

अब आपके लिए डेली हिंदी मिलाप द्वारा हर दिन ताज़ा समाचार और सूचनाओं की जानकारी के लिए हमारे सोशल मीडिया हैंडल की सेवाएं प्रस्तुत हैं। हमें फॉलो करने के लिए लिए Facebook , Instagram और Twitter पर क्लिक करें।

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button