कोल इंडिया प्रमुख ने कंपनी में बड़े बदलाव की आवश्यकता जताई

कोलकाता, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के नवनियुक्त चेयरमैन सनोज कुमार झा ने सरकारी कंपनी के व्यवसाय मॉडल और प्रणालियों में आमूलचूल बदलाव का आह्वान किया है। उन्होंने उत्पादन के नये तरीकों पर भी जोर दिया और कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा की ओर वैश्विक बदलाव के बीच प्रासंगिक बने रहने के लिए संगठन को खुद को तेजी से बदलना होगा।
झा ने शनिवार को कोलकाता में सीआईएल की 50वीं वर्षगांठ समारोह में कर्मचारियों और हितधारकों से कहा कि दुनिया अब वैसी नहीं रही, जब कोयला ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत था। नवीकरणीय ऊर्जा और कई अन्य प्रतिस्पर्धी उभर आए हैं।
कोल इंडिया प्रमुख ने कंपनी में विविधीकरण पर जोर दिया
झा कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव भी हैं, और शनिवार को कोल इंडिया में उनका पहला दिन था। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और इसे संचालन के पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी पूरी व्यवस्था, अपने सभी मौजूदा व्यावसायिक मॉडल और उत्पादन पद्धति को बदलना होगा। मंत्री महोदय हमें लगातार याद दिलाते रहते हैं कि कोल इंडिया और सभी सार्वजनिक उपक्रमों को इस मानसिकता से बाहर आना होगा कि वे इसी तरह काम करते रह सकते हैं।
चेयरमैन ने कहा कि सीआईएल ने पिछले पांच से 10 साल में विविधीकरण की दिशा में कदम उठाए हैं, फिर भी अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि पूरी टीम मंत्री और प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए तैयार है और हम देश में हो रही नई चीजो से जुड़ी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।
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सीआईएल में बदलाव की रूपरेखा पेश करते हुए झा ने तीन प्रमुख रणनीतिक स्तंभों का जिक्र किया, जो मुख्य खनन से परे विविधीकरण, भूमिगत खनन का विस्तार, और लॉजिस्टिक्स एवं प्रौद्योगिकी का आधुनिकीकरण है। विविधीकरण के तहत सीआईएल कोयला गैसीकरण परियोजनाओं और नवीकरणीय ऊर्जा उपक्रमों, विशेष रूप से सौर और पवन ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है। (भाषा)
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